राजधानी के समीप जुन्गा में चल रहे चार दिवसीय शिमला फ्लाइंग फेस्टिवल एवं हॉस्पिटैलिटी एक्सपो-2025 में इस बार रसायन मुक्त और पारंपरिक उत्पादों की महक लोगों को खूब भा रही है।
जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े स्वयं सहायता समूहों के प्राकृतिक उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री फेस्टिवल का मुख्य आकर्षण बनी हुई है।
सोमवार को बड़ी संख्या में लोग जाइका परियोजना के स्टॉल पर पहुंचे और स्थानीय जैविक उत्पादों की जमकर खरीददारी की।
लोगों ने इन उत्पादों की गुणवत्ता और प्राकृतिक स्वाद की सराहना की।
परियोजना निदेशक श्रेष्ठा नंद शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक व रसायन-मुक्त उत्पाद न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं बल्कि ग्रामीण आजीविका को भी सशक्त बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना वर्ष 2018 से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुधार और सतत विकास की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।
फेस्टिवल में इस बार चुल्ली तेल, हैंडलूम उत्पाद, किन्नौरी राजमाह, पाइन नीडल प्रोडक्ट्स, ओगला, कोदे का आटा, किन्नौरी टोपी और हाफ जैकेट्स की बिक्री सबसे अधिक रही।
पारंपरिक और जैविक उत्पाद एक बार फिर लोगों की पहली पसंद बने हैं।

