July 25, 2025

हिमाचल प्रदेश का इतिहास – राज्य स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता है?

Date:

Share post:

राज्य स्थापना दिवस: हिमाचल प्रदेश – डॉ. कमल के . प्यासा

डॉo कमल केo प्यासा
प्रेषक : डॉ. कमल के. प्यासा

आए बरस हिमाचल प्रदेश में 25 जनवरी को पूर्ण राज्य के उपलक्ष में राज्य स्थापना दिवस बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। ऊंचे ऊंचे हरे भरे पहाड़ों के कारण ही प्रदेश को हिमाचल के नाम से जाना जाता है, वैसे भी हिमाचल का शाब्दिक अर्थ, हिम + आंचल को मिला कर बना है।जिसमें हिम का अर्थ बर्फ से व आंचल का अर्थ पल्लू या ओढ़नी से लिया जाता है। हां हमारा हिमाचल सर्दियों में बर्फ ओढ़े ही तो रहता है ।

यदि इस क्षेत्र के प्राचीन इतिहास पर दृष्टि डाले तो पता चलता है कि इस समस्त पहाड़ी क्षेत्र में राणों व ठाकुरों की हुकूमत चलती थी अर्थात उनकी अपनी छोटी छोटी ठकुराइयां हुआ करती थीं जिनमें उनकी ही मनमानी का बोलबाला रहता था। बाद में विकास व आने जाने के साधन बन जाने से कुछ प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले शासकों के उठ खड़े होने से ये ठकुराइयां खत्म हो गईं और रियासतों का उदय होना शुरू हो गया।इस तरह स्वतंत्रता से पूर्व समस्त पहाड़ी क्षेत्र में लगभग 32 छोटी बड़ी रियासतें थीं।स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात 15 अप्रैल, 1948 को इन सभी रियासतों के पहाड़ी क्षेत्र को चीफ कमिश्नर प्रोविंस के रूप वाले अस्तित्व में लाया गया।जिसमें माहसू, मण्डी, चंबा और सिरमौर के क्षेत्र शामिल थे।

इस प्रकार उस समय इस समस्त क्षेत्र का क्षेत्रफल 10451 वर्ग मील था।और उस समय की जनसंख्या 9,83,367 थी।प्रदेश के समस्त आंकड़ों को ध्यान में रखते हुवे 26 जनवरी, 1950 को हमारे इस प्रदेश को ग श्रेणी का दर्जा दिया गया तथा राज्य के प्रथम मुख्य मंत्री डॉक्टर वाई. एस. परमार को बना दिया गया था। प्रथम जुलाई 1954 में एक अन्य रियासत (बिलासपुर) जो कि पहले क्षेत्र में शामिल होने सेआना कानी कर रही थी, वह भी शामिल हो गई और क्षेत्रफल व जनसंख्या में भी वृद्धि हो गई, साथ में एक जिला भी बढ़ गया। वर्ष 1956 में प्रदेश से विधानसभा को समाप्त करके इधर टैरीटौरियल का गठन कर दिया गया। फिर प्रथम नवंबर 1956 को ही प्रदेश को केंद्र शासित राज्य बना दिया गया। बाद में वर्ष 1963 में भारत सरकार के टेरिटोरियल एक्ट के अंतर्गत प्रथम जुलाई 1963 को टेरिटोरियल काउंसिल को हिमाचल विधान सभा में बदल दिया गया और फिर दूसरी बार डॉक्टर वाई 0एस0 परमार को प्रदेश का मुख्य मंत्री नियुक्त कर दिया गया था।

विकास के साथ साथ प्रदेश में ऐसे ही फेर बदल चलता रहा। प्रथम नवंबर 1966 को जिस समय पंजाब का पुनर्गठन किया जा रहा था तो कुछ बचे हुवे पहाड़ी क्षेत्र भी प्रदेश में शामिल कर दिए गए, जिनमें कांगड़ा व पंजाब के ऊना, हमीरपुर, कुल्लू, डलहौजी आदि के क्षेत्र आ जाते हैं। इन सब के आ जाने से प्रदेश का क्षेत्रफल बढ़ कर 55,673 वर्ग किलो मीटर बन गया था। प्रदेश की बहुमुखी प्रगति के साथ ही साथ वर्ष 1970 में संसद द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पारित करके एक नए राज्य के रूप में हिमाचल प्रदेश को देश का 18वां राज्य 25 जनवरी, 1971 को घोषित कर दिया गया। इस विशेष व शुभ सूचना को जन जन तक पहुंचने के लिए राजधानी दिल्ली से स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी खुद शिमला आई थीं और रीज मैदान से हर्षित ध्वनि से सब को बधाई के साथ उन्होंने घोषणा की थी। उन्हीं की शुभकामनाओं से आज प्रदेश अपने 12 जिलों के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

हिमाचल प्रदेश का इतिहास – राज्य स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता है?

Daily News Bulletin

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

कंप्यूटर विज्ञान प्रवक्ताओं ने विभागीय आदेश को बताया अनुचित

हिमाचल प्रदेश कंप्यूटर विज्ञान प्रवक्ता संघ (HPCSLA) ने विद्यालय शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रवक्ताओं (स्कूल न्यू) को कक्षा छठी...

मां के नाम एक पेड़ – उमंग फाउंडेशन की पहल

उमंग फाउंडेशन 27 जुलाई को "पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत एक विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित करेगा,...

‘विश्व स्तरीय सुविधा’ सिर्फ दिखावा: जयराम ठाकुर

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश की गिरती स्वास्थ्य व्यवस्था पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि...

राजेश धर्माणी ने ड्रोन सेंटर को लेकर की मांग

हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने शुक्रवार को केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री...