Dr. Jushya Pankaj Sachdeva
It’s always said in the old scriptures that the unconscious mind is the window to the soul!
An opening where the heaven and hell combine with all the energies. All the positive and negative, present and past, with the capacity to hold the future. These energies aren’t in a particular direction and thus we end up wasting...
Sahaj Sabharwal
You are my pain curing,
You are my thoughts hearing,
You are my progress rising,
That's why soul of mine is good.
I am trying to be good,
Don't worry I am like developing wood,
Your eye is only on me stood,
That's why soul of mine is good.
Whenever I am being scold,
You are advising me to keep hold,
And not to lose hope on being...
सीताराम शर्मा सिद्धार्थ
संभल के चल इस डगर चाहतें दम तोड़ती हैं यहां,
रख तेज नजर पंखों पे हवा भी रुख बदलती है यहां,
सेहत के लिए खराब है कितना भी लिख लो,
फिर भी हर मोड़ पर शराब की दुकान है यहां,
आदमी आदमी रहता है जब तलक जमीं पे है,
खुदा हो जाता वही जो तख्त पे चढ़ता है यहां,
तमाशबीन है कबसे सरकार...
डिम्पल ठाकुर (हिना)
जब हम अजनबी हो जाएंगे,
तुम मुझे देख कर नज़रे फेर लोगे,
मैं तुम्हें देख कर नज़रे झुका लूंगी।
दिल की बात होंठों तक आते-आते,
ज़ुबान पर ही ठहर जाएगी,
पर आँखों में झलक जाएंगी।
किताब में पड़ा वो फूल,
फिर से याद हो आएगा,
अपनी भीनी खुशबू से तुम्हारा एहसास दिलाएगा।
वो कभी हाथ थाम कर चलना,
कभी बात-बात पर लड़ना,
अपनेपन का एहसास दिलाएगा।
वो किस्से वो...
Megha Katoria
I have grown up,
Always wanting to grow up quickly as a child,
Yes, I have grown up…
Now life seems a bit dreary,
Quivers of emotional spasms,
Creating freezing numbness in my thoughts.
Downy flakes spreading wider and wider,
Like magical white feathers,
Conjured up by Khione,
My present came to a halt,
As if frozen by the winter dipping temperature,
The white blanket outside is too thick...
अनामिका मल्होत्रा
माँ तू अनूप है,
'इश्क़' का स्वरुप है,
आप ही की दें से,
ये मेरा रंग रूप है...
माँ से ही आरम्भ मेरा,
माँ ही मेरा अंत है,
क्या क्या न तुझको उपमा दूँ,
तूने जो सिखाया बे अंत है...
माँ रंग तू है, राग तू है,
गृहस्थ में वैराग तू है,
मेरी लेखनी का शब्द तू,
कभी आकार, कभी निशब्द तू,
जब कठोर है तो लोह है,
कुछ ऐसा तेरा...
दीपक भारद्वाज
एक गांव से
निकलते हैं जब
नन्हे-नन्हे कदम
किसी सुदूर देश की सरहद के लिए
फिर वापिस, आ पाते हैं बहुत ही कम
क्योंकि वो नहीं देखते
निकलने के लिए ऐसा मुहूर्त
कि जिससे उनके कदमों के निशान
फिर भर सके
उनकी छाप से!
वो नई मिट्टी को
लगा लेते हैं, मस्तक पर
ठीक ऐसे ही जैसे
हमारी जुबां पर बैठ गई हैं
असंख्य भाषाएँ!!
बचपन का वो
गुली-डंडा, कंचे, पिट्ठू
वो खेल-खिलौने
सब दफन हो...
अशोक दर्द,
गांव घट्ट, डाकघर शेरपुर,
तह डलहौजी, जिला चम्बा, हिमाचल प्रदेश
धान की पनीरी की तरह
पहले बीजी जाती हैं लड़कियां
थोड़ा सा कद बढ़ जाये
थोड़ा सा रंग निखर आये
तो उखाड़ कर दूसरी जगह
रोप दी जाती हैं लड़कियां
कभी खेत बंजर तो कभी उर्वर
आते हैं हिस्से
परन्तु फिर भी जड़ें पकड़ ही लेती हैं
जमीन को अपना लेती हैं खुशी से
पानी भरपूर मिले या फिर उमस...
Dr. Anjali Dewan, Shimla
I am like a drop of water in the sea,
With no name, no identity,
A part of the whole.
Though you can see me, look for me,
But unable to separate me from the source.
Relationships are also the same,
They are like waves,
Which are never still.
They embrace you loosely,
But the feeling of closeness lingers forever.
Life is not a bed of...
अभिमन्यु कमलेश राणा
उसे ढील दो
है पतंग की डोर जो
छूना चाहते गर आसमानों को
औरों को भी उड़ने दो
पेंच लड़ाने उलझे जो
थाम लोगे अपनी उड़ान को
सफर उन्हें भी तय करने दो
काट दी भी कुछ डोर जो
खींचोगे पतंग अपनी भी,नीचे को
इस बात पर भी गौर दो
डोर औरों को काटती जो
घिसती, कमजोर भी करती खुद को
असीमित है ब्रह्मांड
नया सीखने पर जोर दो
सुलझी होगी...
निर्मला चौहान
नई खुशी कर रही आपका इन्तजार।
नई उमंगें ला रही जीवन में बहार।
करो स्वागत उनका देखो खुशियां आई।
नये साल 2019 की हो बधाई।
पुराने गमों व शिकवो से नाता तोड़ दो।
जीवन को सन्मार्ग की ओर मोड़ दो।
सुखों में बदल दो अपने वो पल दुखदायी।
नये साल 2019 की हो बधाई।
बीत गये अच्छे पलों को दिल में समा दो।
खुशी के लम्हों को...
कीकली के सभी सम्माननीयों को मेरी ओर से नव वर्ष 2019 की शुभकामनाएँ व ढेरों बधाई
कर्म पथ पर ये कसम उठाकर
ईश्वर का आशीर्वाद लिए हम नव ऊर्जावान बनें, जी-तोड़ मेहनत और ईमानदारी का कवच लिए
"कीकली" असीमित पहचान बने वर्ष 2019 ''कीकली'' का नया नवउत्थान बनें
नव वर्ष
उमा ठाकुर
नव वर्ष, नव भोर, नव आगाज,
नव डगर, नव सफर , नव मंजिल,
नव कैलेंडर,...