ईआईसीएपी-पीसी हब, हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकोस्टे) द्वारा विज्ञान शिक्षण एवं सृजनात्मकता केन्द्र, शोघी शिमला में 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक चीड़ की पत्तियों (पाइन नीडल) से हस्तशिल्प उत्पादों पर चार दिवसीय क्षमता निर्माण एवं आजीविका सृजन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत, ग्राम पंचायत तिंगरिट, जिला लाहुल स्पीति की 13 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया।
यह कार्यशाला हिमकोस्टे के संयुक्त सदस्य सचिव डॉ. सुरेश सी. अत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई। श्रीमती प्रियंका शर्मा, समन्वयक ईआईएसीपी पीसी-हब, हिमकोस्टे, शिमला ने बताया कि कार्यशाला का उदेश्य चीड़ की पत्तियों से हस्तशिल्प उत्पाद बनाकर महिलाओं का क्षमता निर्माण करके आय अर्जन करना है तथा व्यर्थ भूमि पर पड़ी चीड़ की पत्तियों का उचित निष्पादन करके पर्यावरण का सरंक्षण करना है |
प्रियंका शर्मा ने प्रशिक्षण में आई महिलाओं का आभार व्यक्त किया कि वह सभी अपना कीमती समय निकालकर इस प्रशिक्षण में भाग लेने आये । उन्होंने महिलाओं को इस प्रशिक्षण के माध्यम से विभिन्न उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जो कि आय अर्जन का एक अच्छा साधन हो सकता है।
कार्यशाला में अंजना देवी, जागृति स्वयं सहायता समूह, कंडाघाट, सोलन ने प्रतिभागियों को चीड़ की पत्तियों (पाइन नीडल) से हस्तशिप उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया | श्रीमती अंजना देवी ने बताया कि पाइन निडिल से उत्पाद बनाना एक सस्ता, अनूठा, प्राकृतिक और पुराना शिल्प है।
कार्यशाला में पाइन निडिल से विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प उत्पाद जैसे टेबल मैट, कोस्टर, टोकरी, फूलदान, ट्रे आदि बनाए गये | चार दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला के समापन पर ईआईएसीपी पीसी-हब, हिमकोस्टे, शिमला द्वारा ग्राम पंचायत तिंगरिट, जिला लाहुल स्पीति की महिला प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला के सफल आयोजन में ईआईसीएपी-पीसी हब के अजय पंवर, रित्विक चौहान और जय प्रिया ने अपना सहयोग दिया |