हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) अपने 56वें स्थापना दिवस के अवसर पर शिक्षा, अनुसंधान और सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह बात ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विश्वविद्यालय में दीप प्रज्वलन के साथ समारोह का शुभारंभ करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि 1970 में स्थापित एचपीयू ने देश और प्रदेश को अनेक प्रशासक, वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, पत्रकार, न्यायिक अधिकारी और राजनेता दिए हैं, जो वैश्विक स्तर पर हिमाचल का गौरव बढ़ा रहे हैं। मंत्री ने इस अवसर पर शिक्षा के व्यवसायीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एचपीयू ने हमेशा गुणवत्ता और मूल्यों को प्राथमिकता दी है, जो इसे विशिष्ट बनाता है।
समारोह में अनिरुद्ध सिंह ने विश्वविद्यालय में 5 अत्याधुनिक शोध केंद्रों का उद्घाटन किया:
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ग्रीन एनर्जी एवं नैनोटेक्नोलॉजी केंद्र – हरित ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं साइबर फिजिकल सिस्टम्स केंद्र – डिजिटल सुरक्षा और AI से जुड़े अनुसंधान को प्रोत्साहन देगा।
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हिमाचली संस्कृति एवं स्वास्थ्य केंद्र – लोक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु समर्पित।
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हिमालयन डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड रेसिलिएंस केंद्र – आपदाओं की रोकथाम और पूर्वानुमान में मददगार।
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रामानुजन भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र – पारंपरिक गणितीय ज्ञान को आधुनिक शोध से जोड़ेगा।
एचपीयू और आईआईटी रोपड़ के बीच हरित ऊर्जा को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) भी हस्ताक्षरित किया गया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत 20 अनाथ छात्रों को प्रोत्साहित किया गया। मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार इन बच्चों को निःशुल्क उच्च शिक्षा, आवास और पोषण की सुविधा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री सुक्खू समारोह में नहीं आ सके, लेकिन उन्होंने अपना शुभकामना संदेश भेजा। उन्होंने एचपीयू को प्रदेश के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास का प्रतीक बताते हुए शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा राहत कोष में वेतन दान देने के लिए आभार जताया।
कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए उच्च गुणवत्ता वाले शोध कार्य आवश्यक हैं। नए शोध केंद्रों से भविष्य में सार्थक परिणाम देखने को मिलेंगे।
इस अवसर पर मेयर सुरेंद्र चौहान, उपमहापौर उमा कौशल, IIT रोपड़ के निदेशक डॉ. राजेश आहूजा, गृह मंत्रालय के कर्नल मनोरम यादव, सौर ऊर्जा संस्थान के डॉ. सिराज किरमानी, डॉ. सुमित गोयल (RGCI), और अन्य विशेषज्ञ उपस्थित रहे।