अंतरराष्ट्रीय स्तनपान सप्ताह (1 से 7 अगस्त) के समापन अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत, खंड मशोबरा द्वारा हरी देवी बीएड इंस्टीट्यूट घनहाटी में एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। संस्थान के नर्सिंग, बीएड, जे.बी.टी. व विधि संकाय के 400 के लगभग छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम के आरम्भ में डॉ. मोनिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तनपान सप्ताह के तहत स्तनपान के बारे में एक मार्गदर्शिका के माध्यम से विस्तृत एवं महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। कार्यक्रम के दौरान नाटक, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चे के जन्म से लेकर छः माह तक केवल स्तनपान करवाने के लिए जागरुक किया गया।
इस कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पॉल ने बताया कि स्तनपान बच्चों को अनेक रोगों से बचाने, प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार साबित होता है। जो बच्चे स्तनपान करते है उनका मस्तिष्क का विकास भी तेजी से होता है। उन्होंने बताया कि माँ का दूध बच्चे में शारीरिक वृद्धि और विकास को सुुनिश्चित करने के साथ-साथ उनके लिए एक समुचित संतुलित पोषण व आहार है। इस कड़ी में उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला के अलावा उनके परिवार के अन्य सदस्यों को भी जन्म से लेकर छः माह तक के बच्चों को केवल स्तनपान के महत्व के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए।
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पॉल द्वारा महिला केंद्रित योजनाओं पर मिशन शक्ति संकल्प, हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वीमेन स्कीम के अंतर्गत 100 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान जो 21 जून से 4 अक्टूबर तक चलाया जा रहा है, के अंतर्गत लैंगिक संवेदनशीलता (Gender Sensitization), लैंगिक समानता के अलावा यौन उत्पीड़न, पोक्सो कानून एवं वन स्टॉप सेंटर आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई। साथ हीे उन्होंने लैंगिक संवेदनशीलता एवं लैंगिक समानता विषय पर छात्रों को विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि समाज में लड़कियों के महत्व को बढ़ाने के लिए पुरुषों, महिलाओं और लड़कों सभी को संगठित रूप से मिलकर चलना होगा। समाज की धारणा व सोच बदलेगी, तभी भारत की सभी लड़कियों और लड़कों को लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए केंद्रित निवेश और सहयोग की आवश्यकता है।
लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाली चर्चाओं व पहलों में समुदायों को शामिल करें, एवं सुनिश्चित करें कि विभिन्न सुझावों को सुना और विचार किया जाए। ऐसे कानूनों का समर्थन और वकालत करे जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देते हैं और लैंगिक आधारित हिंसा और भेदभाव में सुरक्षा प्रदान करते हैं। इन कदमों के माध्यम से हम एक अधिक समान समाज कि दिशा में काम कर सकते हैं जहाँ सभी लिंगों (Gender) के व्यक्तियों को समान अवसर एवं अधिकार मिले।
कार्यशाला में बाल विकास परियोजना अधिकारी मशोबरा रूपा रानी, बाल विकास परियोजना अधिकारी स्नेहलता नेगी, संस्थान की अध्यक्षा उषा डोगरा, अकादमिक निदेशक रुचि डोगरा, प्रबंध निदेशक हिमांशु डोगरा, चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोनिका, खंड मशोबरा की पर्यवेक्षक सुनीता शर्मा, कौशलया ठाकुर, नीलम शर्मा, कल्पना वर्मा, संतोष कुमारी एवं जिला समन्वय अधिकारी (पोषण अभियान), नीरज भारद्वाज, सह जिला समन्वयक दिव्यांशी शर्मा, खंड समन्वयक मशोबरा पूर्णिमा शर्मा भी उपस्थित रहे।