जाइका वानिकी परियोजना की एक दिवसीय कार्यशाला कृषि सहकारी कर्मचारी प्रशिक्षण संस्थान सांगटी समरहिल में अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना निदेशक श्री नागेश कुमार गुलेरिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई । कार्यशाला का आयोजन प्रदेश के 7 जिलों (किनौर, शिमला, लाहुल स्पिति, कुल्लू,मण्डी ,बिलासपुर और कांगडा ) में कार्यरत सेवानिवृत्त हिमाचल वन सेवा अधिकारियों व एसएमएस के लिए किया गया।
इस कार्यशाला में इन सभी प्रतिनिधियों ने अपने अपने कार्यक्षेत्र में हो रही गतिविधियों की प्रस्तुति दी व परियोजना में नवनियुक्त एसएमएस ने परियोजना में होने वाले कार्यों की बारिकी से जानकारी प्राप्त की व जमीनी स्तर पर इस परियोजना को कैसे उतारा जाये व आमजनमानस को परियोजना से जोड़ा जाये ,व उनकी आजीविका में वृद्धि हो इत्यादि विषयों पर चर्चा की गई ,हिमाचल में जाइका वानिकी परियोजना के अंतर्गत चलाई जा रही विकासात्मक गतिविधियों की समीक्षा व उनको तीव्र गति से आगे बढ़ाने हेतु भी कार्यशाला में चिन्तन किया गया।
इस अवसर पर अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवम मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने कार्यशाला में मौजूद प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि प्रदेश के 7 जिलों में चयनित स्थानों में 460 ग्राम वन विकास समितियों के स्वयं सहायता समूहों को सतत बनाना होगा ताकि ये लम्बे समय तक अपनी आय सृजन गतिविधियों को कार्यान्वित करने में सक्षम रहे व प्रदेश के ग्रीन कवर क्षेत्र को इनके माध्यम से बढ़ाया जा सके। उन्होने कर्मचारियों को निर्देशित किया कि माइक्रोप्लान को जमीन स्तर पर उतारने के साथ अभिसरण (कन्वर्जैन्स) का उपयुक्त रिकार्ड रखें। गुलेरिया ने कहा कि समस्त स्टाफ़ को परियोजना का मुख्य उद्देश्य समझना चाहिए व हमारी प्राथमिकता परियोजना को नयी उंचाईयों तक ले जाना होना चाहिए। इस अवसर पर परियोजना निदेशक श्री श्रेष्ठानंद शर्मा ,जड़ी बूटी सैल के निदेशक डा. आर .सी कंग ,परियोजना सलाहकार डा. लाल सिंह सहित अन्य गणमाण्य व्यक्ति मौजूद रहे।
HP Daily News Bulletin 27/04/2023