पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर आयोजित उत्सव में इसे भारत के स्वतंत्रता संग्राम का अमर गीत बताते हुए देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत कहा। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं बल्कि मातृभूमि के लिए साहस, आत्मबल और समर्पण का प्रतीक है।
ठाकुर ने कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1875 में रचित यह गीत आज भी स्वतंत्रता आंदोलन और देशभक्ति की भावना को जगाता है। उन्होंने कांग्रेस पर भी कटाक्ष किया कि कुछ राज्यों में वंदे मातरम् के विरोध की घटनाएँ हुईं, जबकि संविधान के अनुच्छेद 51(ए) के अनुसार राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान और राष्ट्रीय आदर्शों का पालन प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की भी सराहना की, जो देश की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को संरक्षित करने और जन-जन तक पहुंचाने के मिशन पर काम कर रहे हैं। उन्होंने भारत के नायकों जैसे राजमाता अहिल्याबाई, बिरसा मुंडा, सरदार पटेल, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और कर्पूरी ठाकुर के योगदान को याद करने के महत्व पर भी जोर दिया।
इसके अलावा ठाकुर ने एक्सटर्नल ऐडेड प्रोजेक्ट्स और केंद्र-राज्य सहयोग पर भी टिप्पणी की, यह कहते हुए कि केंद्र द्वारा हिमाचल प्रदेश के विकास में बढ़ाई गई हिस्सेदारी के लिए आभार व्यक्त करना सरकार का सामान्य शिष्टाचार है।

