शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज जुब्बल‑कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदाओं की स्थितियों को ध्यान में रखकर उच्चतम तकनीक और निर्माण मानकों को अपनाया जाए, ताकि सड़कें एवं अन्य बुनियादी ढांचे तुलनात्मक रूप से दुर्बल मौसमों में भी टिक सकें।
ठाकुर ने विशेष रूप से कहा कि यदि भविष्य में भारी वर्षा या बादल फटना जैसी घटनाएँ पुनः हों, तो भी सड़कें वर्ष भर बहाल रहनी चाहिए और अन्य अधोसंरचनाएं क्षतिग्रस्त न हों। इस वर्ष लोक निर्माण विभाग को भारी बारिश की वजह से कुल ₹167 करोड़ की क्षति हुई है — जिसमें जुब्बल मंडल ₹53 करोड़, कोटखाई मंडल ₹50 करोड़, रोहड़ू मंडल ₹24 करोड़, तथा दो राष्ट्रीय राजमार्गों (705 व 707) में ₹35 करोड़ और ₹5 करोड़ का नुकसान शामिल है।
मंत्री ने यह भी बताया कि आपदा की तबाही से सेब सीजन को खतरा था क्योंकि संपर्क मार्ग कट गए थे। लेकिन लोक निर्माण विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संपर्क मार्ग बहाल करके बागवानों को राहत दी। उन्होंने विभाग के कर्मचारियों की कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की।
ठाकुर ने कहा कि फिलहाल लगभग 14 सड़कें केवल छोटे वाहनों के लिए खुली हैं, और उन्हें दीपावली तक बड़े वाहनों के लिए सुचारु करने का लक्ष्य है। जिन क्षेत्रों में भू-उपट्राव (स्लाइडिंग) सामान्य रहा है, ऐसे स्थानों पर बैली पुल विकल्पों पर विचार करने का सुझाव उन्होंने दिया।
उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि आपदा पूर्व आवश्यकता आकलन (PDNA) के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों की निविदाएं 15 नवंबर, 2025 से पहले जारी की जाएँ। उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए जहाँ घर, जमीन या संपत्ति खतरे में हो।
बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक भवनों की प्रगति की समीक्षा भी की गई और निर्माण गति बढ़ाने के निर्देश दिए गए। ठाकुर ने भरोसा जताया कि कोटखाई क्षेत्र में सड़क सुधार, भवन विकास और अन्य अधोसंरचनाओं के लिए पर्याप्त बजट जारी किया जा रहा है, और आपदा के कारण अतिरिक्त दबाव के बावजूद सभी योजनाओं को वित्तीय समर्थन प्रदान किया जा रहा है।
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