स्कूली शिक्षा से महरूम दिव्यांग काव्य वर्षा ने विदेश मे भी अपने लेखन का परचम लहराया है! काव्य वर्षा द्वारा लिखी फिल्म चप्पल अमेरिका के स्टूडेंट वर्ल्ड इक्पेक्ट फिल्म फेस्टिवल में चयनित हुई है, यह प्रदेश के लिए बहुत गर्व की बात है! वहीं दुखद पहलू यह कि आर्थिक सहायता तो दूर, प्रदेश में किसी नेता या सामाजिक संगठन ने काव्य वर्षा की आज तक कभी पीठ तक नहीं थपथापाई! अपनी प्रतिभा के दम पर ये युवा लेखिका प्रदेश का नाम विदेशों तक रोशन कर रही है।
शोषण के खिलाफ मजबूत संदेश देती है काव्यवर्षा की ‘चप्पल’
शारीरिक परेशानियों के बावजूद इससे दो कदम आगे अपनी कलम के दम पर नाम कमा रही काव्यवर्षा की शॉर्टफिल्म चप्पल सड़कों पर भीख मांगने वाली बेसहारा लड़कियों के साथ होने वाले शोषण पर आधारित है। इससे पूर्व भी काव्यवर्षा की 5 शॉर्टफिल्म्स न सिर्फ बनीं बल्कि अवार्ड भी मिले। बच्चो से भेदभाव तो कभी महिलाओं पर अत्याचार के विरुद्ध कड़ा संदेश देने वाली उनकी शॉर्टफिल्मों में पिल्लो, गुडबाय पापा, संवाद तथा अब चप्पल आदि शामिल हैं। साहित्यकार, गायक और शायर रही कई हस्तियों ने गुरबत में जिंदगी गुजार दी। बेशुमार टेलेंट को शौहरत तो मिली लेकिन आर्थिक प्रोत्साहन के रूप में मदद न मिली।