खेलों के माध्यम से नशे के खिलाफ मजबूत संदेश, ग्रामीण प्रतिभाओं को मिला मंच
ग्रीष्मोत्सव शिमला 2025 के अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय टेबल टेनिस प्रतियोगिता ने न केवल युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित किया, बल्कि नशे के खिलाफ समाज में एक मजबूत संदेश भी दिया। इस प्रतियोगिता में शिमला जिले के लगभग 30 स्कूलों से आए 250 से अधिक छात्रों ने भाग लिया, जिनमें डोडरा कवार और कुपवी जैसे दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों के छात्र भी शामिल रहे। सभी प्रतिभागियों को ट्रैक सूट प्रदान किए गए, जिससे उनमें उत्साह और आत्मविश्वास का संचार हुआ।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले कई छात्रों ने बताया कि यह उनके लिए पहला अनुभव था जब वे अपने गांव से दूर किसी प्रतियोगिता में शामिल हुए। उन्होंने आयोजन को सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बताया, जहाँ रहने और खाने-पीने की उचित व्यवस्था की गई थी।
खेल बनाम नशा: युवाओं को चाहिए सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत
नशा आज युवाओं की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन चुका है, जो न केवल उनके भविष्य को प्रभावित कर रहा है, बल्कि पूरे समाज को कमजोर बना रहा है। मानसिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से इसके दुष्परिणाम गहरे हैं। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि युवाओं को खेलों से जोड़कर नशे की प्रवृत्ति को रोका जा सकता है। खेल न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मानसिक अनुशासन, टीम भावना और नेतृत्व जैसे गुणों को भी विकसित करते हैं।
उन्हें बताया कि शिमला जिला प्रशासन द्वारा ग्रीष्मोत्सव 2025 की थीम “ड्राइव अगेंस्ट ड्रग्स” रखी गई ताकि खेल गतिविधियों के माध्यम से युवाओं को सकारात्मक दिशा दी जा सके।
खेल प्रतिभाओं को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन और उपस्थिति अवकाश
मुख्यमंत्री सुक्खू की पहल पर अब राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को विशेष खेल अवकाश के रूप में उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। इससे विद्यार्थियों के अकादमिक रिकॉर्ड पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय विजेता खिलाड़ियों को ₹14.77 करोड़ की पुरस्कार राशि से सम्मानित कर खेलों को प्राथमिकता देने का संकेत दिया है। साथ ही, राज्य में खेल अधोसंरचना को गांव स्तर तक मजबूत किया जा रहा है ताकि छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारने का उचित अवसर मिल सके।
खेलों के जरिए हिमाचल का युवा नशे से मुक्त, सशक्त भविष्य की ओर
खेलों को बढ़ावा देना हिमाचल सरकार की प्राथमिकता बन चुका है। सरकार का मानना है कि शिक्षा और खेल एक-दूसरे के पूरक हैं। स्वस्थ, अनुशासित और प्रेरित युवा ही राज्य और देश का उज्जवल भविष्य बना सकते हैं। नशे से दूर रहकर खेलों से जुड़ना युवाओं को आत्मविश्वासी, जिम्मेदार और समाज से जुड़ा नागरिक बनाता है।
इस दिशा में किए जा रहे प्रयास हिमाचल को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम हैं, जहाँ खेल गतिविधियां युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा में मोड़कर उन्हें एक सशक्त और सुरक्षित जीवन की ओर ले जाती हैं।