उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय (कोटशेरा) में आयोजित एंटी चिट्टा जागरूकता कार्यक्रम में छात्रों से नशे से दूर रहने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हर छात्र को कम से कम 5 अन्य छात्रों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि यह संदेश व्यापक स्तर पर फैल सके।
उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 15 नवंबर को शिमला से एंटी चिट्टा अभियान की शुरुआत की थी और इसी कड़ी में जिले के स्कूल और कॉलेज के छात्रों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे स्वयं नशे का सेवन न करें और न ही किसी और को इसके लिए प्रेरित होने दें। उन्होंने यह भी कहा कि नशे के मामलों की जानकारी तुरंत कॉलेज के प्रिंसिपल या जिला प्रशासन को दी जानी चाहिए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गांधी ने कहा कि सोशल मीडिया पर दिखाई जाने वाली चीजें हमेशा सच नहीं होती, इसलिए सही ज्ञान और अच्छी बातें साझा करना जरूरी है। उन्होंने युवाओं से कहा कि जीवन में लक्ष्य निर्धारित करें और खुद को व्यस्त रखें, ताकि नशे की ओर आकर्षित न हों।
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा ने कहा, “चिट्टा नहीं, चिता है”, और छात्रों से नशे से दूर रहने और अपने परिवार का सहारा बनने की अपील की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डॉ. यशपाल रांटा ने चिट्टा को हीरोइन का जानलेवा प्रकार बताया, जिसका एक बार सेवन लत लगाता है और औसतन 2-3 साल में व्यक्ति की जान को खतरा होता है। उन्होंने बताया कि हिमाचल मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास अस्पताल शिमला में इसका उपचार संभव है।
कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. गोपाल चौहान ने उपायुक्त और अन्य अधिकारियों का स्वागत किया और कॉलेज की ड्रामा टीम की चिट्टा पर राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त दूसरी रैंक की सराहना की।
यह कार्यक्रम छात्रों में नशे के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें सकारात्मक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास था।





