December 26, 2025

लालित्य ललित ने व्यंग्य को नई शैली दी: आचार्य राजेश कुमार

Date:

Share post:

लालित्य ललित के चुनिंदा व्यंग्य का लोकार्पण

शिमला: आज कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ब्रूज़ एंड बुक्स कैफे में आयोजित किया गया। इसके साथ ही आचार्य राजेश कुमार की दो पुस्तकों का भी आज यहाँ विमोचन हुआ। सभी पुस्तकें स्वतंत्र प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हैं, जिनके निदेशक सुशील स्वतंत्र भी उपस्थित थे।

YouTube player

अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रोफेसर राजेश कुमार ने कहा, “लालित्य ललित के व्यंग्य परिपाटी से हटकर है और वे एक नई व्यंग्य शैली की रचना करते है। लालित्य ललित सामान्य जीवन के विषयों को उठाकर गंभीर वैचारिक व्यंग्य की रचना करते हुए समाज में फैली विकृतियों को, उद्घाटित करते हुए पाठकों के लिए रोचक सामग्री प्रस्तुत करते है।” स्वतंत्र प्रकाशन समूह के निदेशक, सुशील स्वतंत्र ने कहा, लालित्य ललित के चुनिंदा व्यंग्य पुस्तक इसलिए विशिष्ट है कि इसमें रचनाकार के श्रेष्ठ व्यंग्य का संचयन सुश्री भारती ने शोध परक दृष्टि से प्रस्तुत किया है।

YouTube player

हिमाचल के, के आर भारती, पूर्व वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी ने कहा, लालित्य ललित की रचनाओं की गहन संवेदना उनकी नई दृष्टि के साथ मिलकर अभूतपूर्व व्यंग्य की रचना करती है। सोलन से पधारे व्यंग्यकार अशोक गौतम ने कहा कि लालित्य ललित समाज की गहरी विसंगतियों को अपनी रचनाओं का विषय बनाकर पाठकों को वैचारिक संघर्ष के लिए मार्गदर्शन करते है।

वरिष्ठ साहित्यकार सुदर्शन वशिष्ठ ने कहा, लालित्य ललित की भाषा बेहद सरल होती है जिसे वे पात्रों के माध्यम से एक सार्थक विशिष्ट रचना को प्रस्तुत करने में समर्थ होते है, उन्होंने कहा कि व्यंग्य रचना जैसे कठिन काम को बहुत सहजता से हासिल करने में ललित समर्थ है।

पुस्तक की संपादक एवं संचयनकर्ता सुश्री भारती ने कहा लालित्य ललित की रचनाओं में हाशिए से हाशिए पर रखी गई संवेदनाओं की मार्मिक अभिव्यक्ति है। उन्होंने बताया कि ललित की रचनाओं में घटनाओं की प्रस्तुति और पात्रों की उपस्थिति रचनाओं की प्रभावात्मकता को बढ़ाती है।

YouTube player

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीनिवास जोशी, पूर्व वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी, ने मुख्य अतिथि की आसंदी से, लालित्य ललित के व्यंग्य को केंद्रित करते हुए हास्य और व्यंग्नपर विषद चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह से लालित्य ललित के व्यंग्य सामाजिक परिप्रेक्ष्य में व्यंग्य की नई ध्वनियों को रचना में अनुस्यूत करते है, जिसमें कभी कभी पाठक को लगने लगता है कि शायद यह बात उसी को इंगित करके लिखी गई है। सेतु के संपादक पूर्व एच ए एस अधिकारी डॉक्टर देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि लालित्य ललित एक मंझे हुए व्यंग्यकार है। उन्होंने कहा कि ललित के निरंतर लेखन में हालांकि मोज और मस्ती सामने दिखाई देती है, किंतु वे प्रछ्न रूप से हृदय को भेदने वाले व्यंग्य की रचना करते है।

सुंदरनगर से आमंत्रित कथाकार गंगाराम राजी ने कहा कि लालित्य ललित की रचनात्मक निरंतरता पाठकों को अभूतपूर्व व्यंग्य के साथ लिए चलती है।

YouTube player

CLICK TO SEE ALL VIDEOS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

RIWAAS Cultural Festival Aims to Steer Youth Away from Drugs: RS Bali

Chairman of the Himachal Pradesh Tourism Development Corporation, R.S. Bali, inaugurated the two-day cultural and social awareness event...

State to Host Women Entrepreneurs Networking Meet in Shimla to Boost Inclusive Growth

With the objective of strengthening women entrepreneurship and promoting inclusive industrial development, the Himachal Pradesh Government will organize...

‘Him Ira’ Empowering Women SHGs with Market Access, Strengthening Rural Economy: Chief Minister

Chief Minister Thakur Sukhvinder Singh Sukhu said that the state government is firmly focused on strengthening the rural...

जुब्बल स्कूल में कानूनी जागरूकता का महाअभियान, नशा मुक्ति व पर्यावरण संरक्षण पर जोर

उप-मण्डलीय विधिक सेवा प्राधिकरण जुब्बल की ओर से आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जुब्बल के सभागार में एक...