राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के आगामी मिशन के तहत ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर अंतरिक्ष अन्वेषण का प्रभाव’ विषय के अंतर्गत आज व्याख्यान रखा गया था। पर्यावरण परिषद एवं राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला ने इस व्याख्यान का संयुक्त रूप से आयोजन किया। हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर करवाता रहता है। पर्यावरण परिषद वर्ष 2017 से प्रदेश के सभी जिलों के सरकारी एवं गैर सरकारी महाविद्यालयों में विज्ञान का अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए विज्ञान विषय में रूचि बढ़ाने के लिए इस तरह के व्याख्यान करवाता रहता है। भारत सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग इसके लिए समय-समय पर धनराशि प्रदान करता है ताकि छात्र-छात्राओं की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रति रूची उत्पन्न हो सके।
डॉ. अनुरिता सक्सेना, प्राचार्य राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला ने इस अवसर पर स्वागत भाषण दिया। इसके उपरान्त डॉ. सुरेश अत्री संयुक्त सदस्य सचिव (हिमकॉस्ट) ने इस कार्यक्रम की भूमिका एवं रूपरेखा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दिशा निर्देशानुसार प्रदेश के सभी जिलों के महाविद्यालयों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए लोकप्रिय व्याख्यान के कार्यक्रम आयोजित करवाएं जाएं जिसमें देश और प्रदेश के प्रख्यात वक्ता बुलाए जाएं ताकि बच्चों में विज्ञान विषय पढ़ने की रूचि बढ़े। इसके उपरान्त विशेष अतिथि प्रो. रमन शर्मा, अध्यक्ष भौतिकी विभाग ने भौतिक विषय पर अंतरिक्ष अन्वेषण पर चर्चा करते हुए चंद्रयान -3 के लिए इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला।