दस साल रहे देश के प्रधानमंत्री
न वह शानो शौकत न सत्ता का नशा
चला गया चुपचाप किसी को कोई खबर नहीं
बहुत अजीब है आजकल की पत्रकारिता की दशा
कब बीमार हुआ किसी को कोई खबर नहीं
मीडिया व्यस्त रहा किसी की छवि चमकाने में
जिस अर्थशास्त्री ने भारत की दिशा बदल डाली
बेखबर रहा उसकी छोटी सी खबर बताने में
सादगी से भरपूर तामझाम से दूर
रखते थे अपने काम से काम
देखने में साधारण और बहुत भोले
लेकिन दुनियां में था उनका बड़ा नाम
आर्थिक सुधारों से बदली भारत की तस्वीर
भारत का दुनियां में नाम चमकाया
आज के नेताओं से अलग था उनका चरित्र
सादगी और ईमानदारी को जीवन में अपनाया
रखेगा हमेशा याद भारत तुम्हारा योगदान
जब विश्व में थी मंदी तब भारत ने कसी थी लगाम
चल रहा आज भारत आपकी दिखाई राह पर
भारत की महान हस्ती मनमोहन तुझे शत शत प्रणाम