भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
परदेसी घर आ अब की होली में
देख रही तेरी राह मैं अबकी होली में-2
तेरी याद में छम-छम रोवां
आंसुओं से अपने कपड़े भिगोवां
तू दे दे अपना प्यार अब की होली में
परदेसी घर आ अब की होली में
देख रही तेरी राह मैं अब की होली में -2
साल भर से तू न आया
क्यों मुझको तूने है भुलाया
कर रही तेरा इंतजार अब की होली में
परदेसी घर आ अब की होली में
देख रही तेरी राह मैं अब की होली में -2
होली है रंगों का त्योहार
आ कर दे मुझ पर बौछार
मेरा तन-मन कर निहाल अब की होली में
परदेसी घर आ अब की होली में
देख रही तेरी राह मैं अब की होली में-2
तेरा संग जब मुझे मिलेगा
फूल बन बदन खिलेगा
पहना दे बाहों का हार अब की होली में
परदेसी घर आ अब की होली में
देख रही तेरी राह मैं अब की होली में -3
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