हिमाचल प्रदेश कला संस्कृति एवं भाषा विभाग के सचिव राकेश कँवर ने हाल ही में दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन किया है, जिनके लेखक हैं डॉ. दिनेश धर्मपाल । इन पुस्तकों के नाम हैं “मैं आधी आबादी” और “सागरिका”। इन किताबों के लेखकों की मेहनत और साहित्यिक योगदान को महत्वपूर्ण मानते हुए, सचिव राकेश कँवर ने उन्हें सम्मानित किया और उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की ।
डॉ. धर्मपाल का जन्म हिमाचल प्रदेश में हुआ था और वे कई वर्षों तक वल्लभ राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मण्डी में हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष के रूप में सेवारत रहे हैं । उन्होंने गायत्री शिक्षा महाविद्यालय, कांगु (सुंदरनगर) और विजय उच्च शिक्षण संस्थान, नेरू चौक (मण्डी) में प्राचार्य के पद पर भी अध्यापन कार्य किया है ।
सत्तर से अधिक पुस्तकों के रचनाकार दिनेश धर्मपाल की प्रमुख कृतियों में ‘हिण्यकोष’, ‘स्त्री, ‘क्षितिज’, ‘आलोक, “परंपरा’, ‘सौरभ’, ‘प्रसाद’ साहित्य में अतीत-चिन्तन वर्तमान के परिप्रेक्ष्य में प्रमुख कृतियाँ हैं । ‘सौरभ’ को हिमाचल प्रदेश कला, संस्कृति, साहित्य अकादमी से सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इसके अतिरिक्त ‘सहस्त्राब्दि विश्व हिन्दी सेवा पुरस्कार’, ‘रामवृक्ष बेनीपुरी जन्म शताब्दी सम्मान’, ‘प्रेमचन्द सम्मान’, ‘माण्डव्य रत्न’ एवं हि. प्र. परिषद द्वारा ‘राज्य पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है ।
निरंतर बारह वर्षों तक वललभ राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मण्डी की पत्रिका ‘विपाशा’ का संपादन करने के साथ ‘त्रिधारा’, ‘काल-चिंतन’, ‘संवाद’ जैसी कृतियों का भी संपादन । पंजाब सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत उनकी शिक्षा पर पूर्व प्रकाशित पुस्तक का पंजाबी में अनुवाद, दस दिवसीय शिक्षक पुनश्चर्या कार्यक्रम में सम्मिलित होना । हिन्दी साहित्य में एम फिल् व पी-एच डी के अतिरिक्त जनसंचार, पत्रकारिता, अनुवाद, शिक्षा जैसे विषयों में स्नातकोत्तर उपाधि । कई विश्वविद्यालयों से पुनश्चर्या कार्यक्रमों में सक्रिय हिस्सेदारी व शोध-पत्रों का प्रकाशन ।