राष्ट्रीय पोषण माह 2025 के तीसरे दिन आज शिमला जिले की सभी 2154 आंगनवाड़ी केंद्रों में “मेन स्ट्रीमिंग” विषय के अंतर्गत पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पॉल ने बताया कि आज का उद्देश्य पुरुषों, विशेषकर पिताओं को परिवार के पोषण और बच्चों के सर्वांगीण विकास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना था। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि बच्चों की देखभाल केवल माताओं की जिम्मेदारी न मानी जाए, बल्कि पिता भी इसमें समान रूप से सहभागी बनें।
पॉल ने शिमला शहरी बाल विकास परियोजना द्वारा हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के पुरुष कर्मचारियों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “जब पिता पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे विषयों में भाग लेते हैं, तो बच्चे बेहतर विकसित होते हैं और समाज अधिक सशक्त बनता है।”
उन्होंने आगे बताया कि पोषण माह के दौरान हर दिन एक विशेष विषय पर आंगनवाड़ी केंद्रों, वृत्त स्तर, परियोजना स्तर और जिला स्तर पर थीम आधारित गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। जैसे कि 18 सितंबर को “मोटापा” विषय पर सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों की वृद्धि निगरानी व बीएमआई जांच की गई, साथ ही लोगों को कम तेल, कम नमक और कम चीनी के उपयोग के लिए जागरूक किया गया।
पॉल ने कहा कि इस वर्ष पोषण माह का उद्देश्य सिर्फ कुपोषण और मोटापे की चुनौतियों से निपटना ही नहीं है, बल्कि “मेन स्ट्रीमिंग” के माध्यम से समाज में पुरुषों की समान जिम्मेदारी और भागीदारी सुनिश्चित करना भी है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 20 सितंबर 2025 को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की आधार ID और आभा ID बनाई जाएंगी।