11 जुलाई 2024 को संकल्प रंगमंडल शिमला की टीम नेशनल थिएटर फेस्टिवल में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए शिमला से रोहतक, हरियाणा के लिए रवाना हुई।
गौरतलब है कि यह नेशनल थिएटर फेस्टिवल कला एवं संस्कृति विभाग हरियाणा व हरियाणा इंस्टिट्यूट ऑफ़ परफॉर्मंग आर्ट्स के सौजन्य से रोहतक में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें उदघाटन दिवस पर दिनांक 12 जुलाई 2024 को संकल्प रंगमंडल शिमला का नाटक “पॉपकॉर्न”, 13 जुलाई को दिल्ली का नाटक “कम्बख्त इश्क”, 14 जुलाई को हरियाणा का नाटक “सेईया भए कोतवाल”, 15 जुलाई को दिल्ली का नाटक “संध्या छाया” 16 जुलाई को दिल्ली से काजल सूरी निर्देशित नाटक “एक और सच” को मंचन के लिए आमंत्रित किया गया है।
Theatre in Education (Edutainment) मुहिम के अन्तर्गत नाटक “पॉपकॉर्न” को तैयार किया गया है। मूलतः Edutainment अंतर्राष्ट्रीय अवधारणा है जिसमें बच्चों के नाटक तथा बच्चों के लिए नाटक इस उद्देश्य से किए जाते हैं ताकि ना सिर्फ उनका मनोरंजन हो बल्कि वे बिना बोझ लिए शिक्षित भी होंगे। नई शिक्षा नीति में इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए रंगमंच को प्रमुखता दी गई है।
“पॉपकॉर्न” नाटक एक पॉपकॉर्न बेचने वाले पढ़े लिखे युवा बेरोज़गार की कहानी है जो रेलवे स्टेशन पर पॉपकॉर्न बेचता है। वो अपने इस संवाद में अपनी व्यथा स्पष्ट करता है कि “हालांकि पॉपकॉर्न बेचूँगा, ये सोचकर पढ़ाई नहीं की थी”… ये युवक रोज़ रेलवे स्टेशन पर पॉपकॉर्न बेचने आता है और अपने रोज़मर्रा के अनुभव विद्यार्थीयों के सामने रखता है। वो अपने सपनों को सांझा करता है और इसी बहाने हमारे समाज में व्याप्त बुराईयों पर करारे प्रहार करता है।
नाटक का नायक रूपक एक संवेदनशील इंसान है जो एक तरफ़ देश, समाज, संस्कृति, आचार व्यवहार, नैतिकता और इंसानियत की पैरवी करता है तो दूसरी ओर तथाकथित आधुनिकता, निजीकरण, भ्रष्टाचार, किसानों की दुर्दशा, ई एम आई और बाजारवाद पर करारे कटाक्ष करता है। नाटक के अंत में वो इस संवाद के माध्यम से एक व्यापक प्रश्न हमारे समाज से पूछता है कि कोई अच्छा आदमी बनने के लिए चिंतन क्यों नहीं करता? अच्छा आदमी बनाने की मशीन कोई क्यों नहीं बनाता?
गौरतलब है कि नाटक “पॉपकॉर्न” एक एकल नाटक है जिसके नाटककार जबलपुर मध्य प्रदेश के विख्यात नाटककार व निर्देशक आशीष पाठक हैं जबकि इस नाटक में जिला शिमला के शिलारू जनपद के अनिल शर्मा लाजवाब एकल अभिनय करते हैं जिसे अब राष्ट्रीय रंगमंच की कसौटी पर भी खरा उतरना होगा। इस नाटक का निर्देशन हिमाचल प्रदेश के लिए राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त उत्तर भारत के प्रख्यात निर्देशक केदार ठाकुर ने किया है। नाटक का संगीत रोहित कैवल ने दिया।
नरेश कुमार, महासचिव, संकल्प रंगमंडल ने कहा, “नाटक के बाद दर्शकों और समीक्षकों के साथ संवाद किया जाएगा। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करना हमारे लिए अत्यंत गौरव का विषय है जिसे हमारी टीम मंच पर सार्थक प्रतिनिधित्व साबित करने की पुरजोर कोशिश करेगी।”