कीकली रिपोर्टर, 1 दिसंबर, 2018, शिमला
राज्य परियोजना निदेशालय व राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) व उच्च शिक्षा निदेशालय के तत्वाधान में इम्पैक्ट ऑफ रूसा फ़ंडिंग ऑन हायर एजुकेशन विषय पर सरकारी महाविद्यालय प्राचार्यों का एकदिवसीय राज्यस्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया। शिमला के ट्रिपल एच में आयोजित इस एकदिवसीय राज्यस्तरीय सम्मेलन में राज्य भर से सरकारी महाविद्यालय प्राचार्यों ने भाग लेते हुए रूसा फ़ंडिंग के प्रभावों के बारे में विचार मंथन किया व कॉलेज ग्रेडिंग बड़ाए जाने संबंधी संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
सम्मेलन का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश शिक्षा सचिव डॉ अरुण शर्मा द्वारा किया गया। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ अमरजीत शर्मा ने कार्यक्रम के मुख्यातिथि डॉ अरुण शर्मा का स्वागत किया। सम्मेलन के उदघाटन सत्र के दौरान उच्च शिक्षा निदेशक डॉ अमरजीत शर्मा द्वारा सम्मेलन की रूप रेखा की जानकारी प्रदान की गयी व महाविद्यालयों की विभिन्न समस्याओं से अवगत करवाया। उच्च शिक्षा निदेशक ने प्रत्येक महाविद्यालय को नैक (NAAC) से मूल्यांकन को आवश्यक करार देए हुए प्राचार्यों और विभाग के सहयोग से उच्च शिक्षा में नए आयाम स्थापित करने का भरोसा जताया।
सम्मेलन मे बतौर मुख्यातिथि के रूप मे शिरकत करने पहुंचे हिमाचल प्रदेश शिक्षा सचिव डॉ अरुण कुमार शर्मा ने अपने सम्बोधन में विभिन्न समस्याओं के बारे में विचार विमर्श कर उचित समाधान हेतु प्रदेश सरकार की वचनबद्धता को दोहराया, उन्होने सिविल वर्क्स की स्थिति, नैक मूल्यांकन व रूसा ग्रांट को जल्द उपयोग कर उपयोगिता प्रमाण-पत्रों (UCS) को राज्य परियोजना निदेशालय रूसा में प्रेषित करने व अन्य समस्याओं के समाधान को लेकर सभागार मे उपस्थित प्राचार्यों को विस्तार से अवगत करवाया। इस अवसर पर राज्य भर के 12 जिलों के 120 महाविद्यालयों व राजकीय संस्कृत महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने भाग लिया।
प्रदेश भर से सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे प्राचार्यों ने अपने अपने महाविद्यालयों की समस्याओं के निवारण संबंधी विचार सांझा किए। इस अवसर पर शिक्षा विभाग संयुक्त निदेशक दीक्षा मल्होत्रा, संयुक्त निदेशक राकेश भारद्वाज, संयुक्त निदेशक प्रमोद चौहान व डॉ सोनिया ठाकुर संयुक्त निदेशक विशेष तौर पर उपस्थित रहे।