मानसून के चलते सतलुज नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए आज सुन्नी उपमंडल कार्यालय में एसडीएम राजेश वर्मा की अध्यक्षता में एक आपदा प्रबंधन बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जानकारी दी गई कि जलस्तर बढ़ने से सुन्नी क्षेत्र के तीन वार्डों के साथ-साथ आईटीआई, गौ-सदन और मोक्षधाम जैसे महत्वपूर्ण संस्थान खतरे की जद में आ सकते हैं। संबंधित संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि जल स्तर बढ़ने की स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचित किया जाए, ताकि समय रहते सुरक्षा उपाय किए जा सकें।
एसडीएम ने यह भी बताया कि मंडी को शिमला से जोड़ने वाले जशी, भराड़ा और मगाण के झूला पुलों पर भी खतरे की संभावना बढ़ जाती है। इस संबंध में एसजेवीएन को वैकल्पिक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
एनटीपीसी और एसजेवीएन को अपने बांधों और जलाशयों के जलस्तर की नियमित निगरानी करने और आवश्यकतानुसार जल प्रवाह को संतुलित रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति न उत्पन्न हो।
जल शक्ति विभाग को निर्देशित किया गया है कि नदी के किनारे स्थित जलापूर्ति योजनाओं की विशेष निगरानी करें, जिससे बरसात के दौरान स्वच्छ पेयजल आपूर्ति बाधित न हो।
एसडीएम ने सभी विभागों को समन्वय बनाए रखने, सूचनाओं की तत्काल रिपोर्टिंग करने और आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।
बैठक में एनटीपीसी, एसजेवीएन, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, पुलिस, आईटीआई सुन्नी के प्रधानाचार्य, प्रभावित ग्राम पंचायतों एवं वार्ड प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
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