महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से जिला शिमला में महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण हेतु 10 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों, सरकारी योजनाओं और सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक करना है। जिलाधीश अनुपम कश्यप ने बताया कि यह अभियान मिशन शक्ति के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है।
जिलाधीश के अनुसार, अभियान के तहत जिले के सभी विकास खंडों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 2 सितम्बर को वन स्टॉप सेंटर, शक्ति सदन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी योजनाओं पर विशेष शिविर और सामग्री वितरण किया गया। वहीं, 3 सितम्बर को “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और पीसीपीएनडीटी एक्ट से जुड़े कैंप होंगे, जिनमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर और पंचायत प्रतिनिधि भाग लेंगे।
4 और 5 सितम्बर को सरकारी एवं अर्ध-सरकारी संस्थानों में लिंग आधारित जागरूकता और किशोरों के लिए स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम होंगे। 6 सितम्बर को कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए POSH एक्ट की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, 8 सितम्बर को कानूनी सहायता शिविर और 9 सितम्बर को उच्च शिक्षण संस्थानों में व्यावसायिक एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।
10 सितम्बर को किशोरियों को स्वास्थ्य, सुरक्षा और अधिकारों को लेकर जानकारी दी जाएगी। 11 सितम्बर को पॉक्सो एक्ट के तहत बाल सभाएं आयोजित होंगी और 12 सितम्बर को महिलाओं को गैर-व्यापारिक संस्थानों में कार्य संस्कृति से अवगत कराया जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पाल ने बताया कि संकल्प हब – एम्पावरमेंट फॉर वुमन (Mission Shakti के तहत) – के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों से लेकर प्रत्येक विकास खंड तक अभियान की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत यह हब प्रत्येक जिले में स्थापित किए गए हैं ताकि महिला सशक्तिकरण से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां सभी तक पहुंचाई जा सकें।
महिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बाल विकास परियोजना अधिकारियों को अभियान को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए सभी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह अभियान महिलाओं को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।