शिमला स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में निरंकारी बाल समागम का आयोजन किया गया, जिसमें शिमला संयोजक एरिया की नौ शाखाओं से साध संगत और बाल संतों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ज्ञान प्रचारक सोलन, परम आदरणीय बहन उषा कालिया जी ने की।
अपने प्रवचनों में उन्होंने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि भले ही वे उम्र में छोटे हैं, लेकिन उनके द्वारा दिए गए संदेश अत्यंत गहरे और प्रेरणादायक हैं। बच्चों ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की शिक्षाओं के माध्यम से नाटक, गीत, कविताओं आदि कलाओं के जरिए यह सिखाने का प्रयास किया कि मर्यादा, अनुशासन और भक्ति से भरा जीवन ही सच्चा जीवन होता है।
उन्होंने कहा कि यदि बचपन से ही बच्चों में जात-पात, भाषा या रहन-सहन के आधार पर भेदभाव की भावना न पनपे, तो वे बड़े होकर समाज और देश के लिए वरदान बन सकते हैं। बालसमागम से यह प्रेरणा भी मिली कि बच्चे सोशल मीडिया से दूरी बनाकर पढ़ाई, खेलकूद और सेवा-सत्संग में मन लगाएं, तथा अपने माता-पिता और शिक्षकों का सम्मान करें।
कार्यक्रम के अंत में संयोजक हेमराज भारद्वाज जी ने सभी संतों का धन्यवाद किया और सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज से सबके कल्याण की मंगलकामना की।