उपायुक्त शिमला, अनुपम कश्यप ने नशे की समस्या से निपटने और युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने मई 2025 में जिला स्तरीय इंटर स्कूल टेबल टेनिस प्रतियोगिता आयोजित करने की घोषणा की है। यह प्रतियोगिता जिले के सभी स्कूलों के छात्रों के लिए खुली रहेगी।
खेलों के माध्यम से युवाओं का सर्वांगीण विकास
उपायुक्त ने कहा, “वर्ष 2025 को हम टेबल टेनिस को बढ़ावा देने के लिए समर्पित करेंगे।” उन्होंने सभी स्कूलों से इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कहा है। उन्होंने टेबल टेनिस को एक सजगता पर आधारित खेल बताया और कहा कि यह खेल खिलाड़ियों को चुस्त और दुरुस्त बनाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभा को निखारना
उपायुक्त ने कहा कि शिमला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सारी प्रतिभा छिपी हुई है। इन प्रतिभाओं को ढूंढकर प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे प्रदेश का नाम देश और विदेश में रोशन कर सकें। उन्होंने टेबल टेनिस एसोसिएशन से अपील की कि वे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खोजें और उन्हें प्रशिक्षण दें।
खेल अवसंरचना में सुधार
उपायुक्त ने कहा कि खेल अवसंरचना में सुधार करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिला में खाली पड़ी भूमि को खेल संघों को उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे ताकि युवाओं के पास खेलने के लिए उचित स्थान हो। उन्होंने जल्द ही जिला स्तरीय खेल परिषद की बैठक बुलाने के निर्देश भी दिए ताकि ट्रेनरों के रिक्त पदों को भरा जा सके और खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
बैठक में उपस्थित रहे:
बैठक में सहायक आयुक्त गोपाल चंद शर्मा, जिला युवा सेवाएं व खेल अधिकारी राकेश धौता, टेबल टेनिस एसोसिएशन के सचिव अभय लखन पाल सहित एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
यह पहल क्यों महत्वपूर्ण है:
- नशे की रोकथाम: खेलों को बढ़ावा देकर युवाओं को नशे से दूर रखा जा सकता है।
- प्रतिभा का विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभा को निखारने का मौका मिलेगा।
- खेल अवसंरचना में सुधार: युवाओं को खेलने के लिए बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
- सर्वांगीण विकास: खेलों के माध्यम से युवाओं का शारीरिक और मानसिक विकास होगा।
यह पहल शिमला जिले में खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा बल्कि जिले का नाम भी रोशन होगा।