November 16, 2024

सोलन – देवी और शांतिपूर्ण दृश्यों का निवास स्थान

Date:

Share post:

हिमाचल को प्राचीन काल से ही देव भूमि के नाम से संबोधित किया गया है। यदि हम ये कहें कि हिमाचल देवी देवताओं का निवास स्थान रहा है । हमारे कई धर्म ग्रन्थों में भी हमे हिमाचल का विवरण मिलता है। महाभारत,पदमपुराण और कनिंघम जैसे धर्म ग्रन्थों में हमे हिमाचल का विवरण मिलता है। इस सब से हम ये अनुमान लगा सकते है कि हिमाचल प्राचीन काल से ही देवी देवताओं का प्रिय स्थान रहा है । हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में सोलन  एक महत्‍वपूर्ण जिला है। सोलन  जिला मुख्यालय है । सोलन  राज्य की राजधानी शिमला से लगभग 47  किलोमीटर और  5,090 फीट की औसत ऊंचाई पर स्थित है।

कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-22 पर  स्थित है । नैरो-गेज कालका-शिमला रेलवे सोलन से होकर गुजरती है। पंजाब हिमाचल सीमा पर स्थित, सोलन हिमालय की शिवालिक पहाड़ियों में बसा है । सोलन  का नाम देवी शूलिनी देवी के नाम पर रखा गया है । हर साल जून में  3 दिवसीय  शूलिनी मेला आयोजित किया जाता है। सोलन तत्कालीन रियासत  बघाट की राजधानी थी । सोलन को मशरूम शहर  रूप में जाना जाता है क्योंकि  मशरूम की खेती के साथ-साथ चंबाघाट में  मशरूम अनुसंधान निदेशालय भी है। टमाटर के थोक उत्पादन के कारण सोलन को लाल सोने का शहर भी कहा जाता है। । सोलन में कई प्राचीन मंदिर  हैं। देश की सबसे पुरानी ब्रुअरीज  मोहन मैकिन भी सोलन में  है। धारों की धार  पहाड़ी पर 300 साल पुराना किला भी है। शूलिनी माता मंदिर और जटोली शिव मंदिर पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थान हैं। कालाघाट ओच्‍छघाट में तिब्‍बती  मठ इस क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध मठों में से एक है।

मां शूलिनी मेला लगभग 200 साल से मनाया जा रहा है।  इस मेले का इतिहास बघाट रियासत से जुड़ा हैं।  यह मेला हर साल जून माह में मनाया जाता है। इस दौरान मां शूलिनी शहर के भ्रमण पर निकलती हैं व वापसी में अपनी बहन के पास दो दिन के लिए ठहरती हैं। इसके बाद अपने मंदिर स्थान पर वापस पहुंचती हैं, इसलिए इस मेले का आयोजन किया जाता है। माना जाता है कि माता शूलिनी सात बहनों में से एक थी। अन्य बहनें हिंगलाज देवी, जेठी ज्वाला जी, लुगासना देवी, नैना देवी और तारा देवी के नाम से विख्यात हैं। सोलन नगर बघाट रियासत की राजधानी हुआ करती थी। इस रियासत की नींव राजा बिजली देव ने रखी थी। बारह घाटों से मिलकर बनने वाली बघाट रियासत का क्षेत्रफल लगभग 30  वर्ग मील में फैला हुआ था। इस रियासत की प्रारंभ में राजधानी जौणाजी कुछ समय कोटी और बाद में सोलन बनी। राजा दुर्गा सिंह इस रियासत के अंतिम शासक थे।

माँ शूलिनी देवी दुर्गा या पार्वती का प्रमुख रूप है। उन्हें देवी और शक्ति, शूलिनी दुर्गा, शिवानी और सलोनी के नाम से भी जाना जाता है। माँ शूलिनी भगवान शिव की शक्ति हैं। भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह, उपद्रवी असुर राजा हिरण्यकश्यप को मारने के बाद अपने क्रोध को नियंत्रित नहीं कर सके। नरसिंह पूरे ब्रह्मांड के लिए खतरा बन रहे थे तब भगवान शिव, नरसिंह को शांत करने के लिए शरभ के रूप में प्रकट हुए। शरभ एक आठ पैरों वाला जानवर था, जो शेर या हाथी से अधिक शक्तिशाली था और सिंह को शांत करने में सक्षम भी था।नरसिंह को शांत करने के लिए भगवान शिव के आशीर्वाद से शूलिनी भी प्रकट हुई थीं। माँ शूलिनी सोलन के लोगों की कुल देवी हैं। प्रदेश में मनाए जाने वाले पारंपरिक एवं प्रसिद्ध मेलों में माता शूलिनी मेला का भी प्रमुख स्थान है। बदलते परिवेश के बावजूद यह मेला अपनी प्राचीन परंपरा को संजोए हुए है।

मान्यता है कि माता शूलिनी के प्रसन्न होने पर क्षेत्र में किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा या महामारी का प्रकोप नहीं होता है, बल्कि सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है। मेले की यह परंपरा आज भी कायम है। कालांतर में यह मेला केवल एक दिन ही अर्थात् आषाढ़ मास के दूसरे रविवार को शूलिनी माता के मंदिर के समीप खेतों में मनाया जाता था। सोलन जिला के अस्तित्व में आने के पश्चात् इसका सांस्कृतिक महत्व बनाए रखने तथा इसे और आकर्षक बनाने के अलावा पर्यटन की दृष्टि से बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय मेले का दर्जा प्रदान किया गया और तीन दिवसीय उत्सव का दर्जा प्रदान किया गया है। वर्तमान समय में यह मेला जहां जनमानस की भावनाओं  से जुड़ा है, वहीं पर विशेषकर ग्रामीण लोगों को मेले में आपसी मिलने-जुलने का अवसर मिलता है जिससे लोगों में आपसी भाईचारा तथा राष्ट्र की एकता व अखंडता की भावना पैदा होती है।

‘Hatya Ek Aakar Ke’ Play and ‘Dastangoi’ Performances

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

HP Daily News Bulletin 15/11/2024

HP Daily News Bulletin 15/11/2024https://youtu.be/A3u8BAxBytkhttps://keekli.in/final-cultural-evening-at-international-lavi-fair-2024/

Final Cultural Evening at International Lavi Fair-2024

Chief Minister Thakur Sukhvinder Singh Sukhu presided over the last cultural evening of the International Lavi Fair-2024 at...

CM Sukhu Inaugurates Rs. 25.67 Crore Milk Processing Plant

Chief Minister Thakur Sukhwinder Singh Sukhu inaugurated a new state-of-the-art milk processing plant at Duttnagar in the Rampur...

सनरॉक प्ले स्कूल गुम्मा में ‘गुरु पर्व’ का भव्य आयोजन

सनरॉक प्ले स्कूल गुम्मा, कोटखाई में 'गुरु पर्व' का आयोजन बड़े धूम धाम से किया गया, जिसमें बच्चों...