स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला शिमला की ओर से 31 जुलाई 2024 को विश्व हेपेटाइटिस दिवस गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल लालपानी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला शिमला, डॉ. राकेश प्रताप के दिशा निर्देशानुसार मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिमला डॉ. राकेश प्रताप ने जानकारी देते हुए बताया कि हेपेटाइटिस एक गंभीर रोग है लेकिन अगर समय रहते हुए इसका उपचार करवा लिया जाए तो इससे बचा जा सकता है और इसका इलाज भी संभव है।
इस अवसर पर चिकित्सा अधिकारी, डॉ. ओशिन ने बताया की हेपेटाइटिस बीमारी लीवर की सूजन का कारण बनती है और यही लीवर को नुकसान पहुंचती है। यदि यह रोग अनियंत्रित होता है तो यह लीवर की विफलता या लिवर कैंसर का कारण बन सकता है जो की घातक सिद्ध हो सकता है।
डॉ. ओशिन ने आगे जानकारी देते हुए बताया की हेपेटाइटिस मुख्य रूप से पांच वायरस ए बी सी डी और ई इस बीमारी का मुख्य कारक माने जाते हैं। हेपेटाइटिस ए और ई दूषित जल के प्रयोग से फैलता है। हेपेटाइटिस बी सी और डी संक्रमणकारी हैं जो रक्त दवारा फैलते हैं। हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए बच्चों को जन्म के समय हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया जाता है। यह टीका वयस्कों को भी लगाया जाता है।
डॉ. ओशिन ने आगे जानकारी देते हुए बताया की हेपेटाइटिस से बचाव के लिए संक्रमित सुई का इस्तेमाल न करें, असुरक्षित यौन संबंध ना बनाएं, व्यक्तिगत वस्तुएं जैसे कि ब्लैड या रेजर किसी के साथ शेयर ना करें। हेपेटाइटिस के लक्षणों में बुखार, थकान, भूख न लगना, मतली, उल्टी, पेट में दर्द, गहरे रंग का मूत्र, हल्के रंग का मल, जोड़ों में दर्द और पीलिया हो सकता है। हेपेटाइटिस से बचाव के लिए हाथ अच्छी तरह से धोएं और पानी उबालकर पिए।
इस अवसर पर डिक्लेमेशन और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया तथा सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को प्रधानाचार्य पवन कुमार सोनी और चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओशिन द्वारा पुरस्कार भी वितरित किए गए।