November 13, 2025

सुख आश्रय योजना के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा और बच्चों के लाभ

Date:

Share post:

उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में आज उपायुक्त कार्यालय के बचत भवन में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मिशन वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, बाल आश्रमों में बच्चों को प्रदान की जा रही सुविधाएं तथा बाल उत्पीड़न सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने बतायाा कि जिला में मिशन वात्सल्य के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा 9 बाल-बालिका आश्रम, एक विशेष दतक ग्रहण एजेंसी एवं एक अवलोकन गृह मौजूद है, जिसमें 366 बच्चों का पंजीकरण किया गया हैं।


उपायुक्त ने बैठक में सभी प्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया कि वह इन बच्चों के प्रति सच्ची निष्ठा से कार्य कर उनका सहारा बनें ताकि उनके भविष्य को संवारा जा सके। उन्होंने कहा कि जिला में बाल देखभाल संस्थान में सभी प्रकार की गुणात्मक सेवाएं प्रदान की जा रही है, जिसमें बच्चों का निरंतर चिकित्सा देखभाल एवं उपचार, जलवायु परिस्थितियों के अनुरुप बच्चों को कपड़ें एवं बिस्तर, सीसीआई में चार्ट अनुरुप भोजन, सुरक्षित एवं साफ पेयजल, सफाई, कम्प्यूटर, परामर्श एवं मनोरंजन आदि सुविधाएं प्रदान की जा रही है।

उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत जिला में 3 क्रेडल बेबी रिसेप्शन सेंटर की भी स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि जिला में 29 बच्चों को आफ्टर केयर योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया गया है। इसके अतिरिक्त 14 बच्चे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान जुब्बल, रामपुर, चौपाल एवं प्रगतिनगर से इलेक्ट्रिशन कोर्स, 14 छात्राओं को बीए कोर्स तथा एक छात्र को आईएचएम कुफरी से होटल मैनेजमेंट कोर्स करवाया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की बेहतर देखभाल तथा उन्हें हर प्रकार की सुख-सुविधाएं एवं गुणवतायुक्त शिक्षा प्रदान करना हम सभी का परम कर्तव्य है।

उन्होंने कहा कि जुलाई माह से अब तक सभी सीसीआई में 3 निरीक्षण किए गए हैं। इसके अतिरिक्त बच्चों को समय-समय पर परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है। इस अवसर पर बैठक में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने कहा कि सुख आश्रय योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन आॅफ द स्टेट का दर्जा प्रदान किया गया है। जिस दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री द्वारा सुख आश्रय योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया है, उसका लाभ अनाथ आश्रम के हर बाल-बालिकाओं को मिलना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि सुख आश्रय योजना के अंतर्गत बाल-बालिकाओं को हर प्रकार की गुणवत्तायुक्त सुख-सुविधाएं प्रदान की जा रही है।

शिक्षा के क्षेत्र में शहर के बहुचर्चित निजी स्कूलों में 8 छात्र-छात्राओं को दाखिल करवाया गया है। उन्होंने कहा कि जिला में अब तक 240 अनाथ बच्चों की पहचान की जा चुकी है, जिसमें से 238 बच्चों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना हेतु पात्रता प्रमाण-पत्र जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत सभी बच्चों के बैंक अकाउंट खोले जा चुके हैं, जिसमें 0 से 14 वर्ष तक के बच्चों को हर महीने एक हजार रुपये, 15 से 18 वर्ष के बच्चों को हर माह 2500 रुपये तथा एक नारी को प्रति माह 2500 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं।

अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे और बैठक के दौरान अपने महत्वपूर्ण सुझाव प्रदान किए। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग एवं समिति की सदस्य सचिव ममता पाॅल ने बैठक का संचालन किया और बैठक के एजेंडे में सम्मिलित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। बैठक में विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि एवं जिला के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

Transforming India’s Education And Research Ecosystem

Daily News Bulletin

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

बर्फबारी से पहले जिला प्रशासन अलर्ट – उपायुक्त शिमला

शिमला में बर्फबारी से निपटने की तैयारियों की समीक्षा को लेकर उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में बैठक...

खेल ही नशा विरोधी सबसे मजबूत हथियार: अनुपम कश्यप

उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने आज जिला की विभिन्न खेल संघों के साथ बैठक में कहा कि समाज...

NHA, DHR & ICMR Extend Collaboration for Smarter Health Policy

The National Health Authority (NHA), the implementing agency of Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana (AB-PMJAY) and...

गुम्मा के सनरॉक प्ले स्कूल में बच्चों ने मनाई ग्रेजुएशन सेरेमनी

सनरॉक प्ले स्कूल, गुम्मा (कोटखाई) में हर्षोल्लास के साथ “ग्रेजुएशन सेरेमनी” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर...