नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी एक बयान में सत्तारूढ़ सुक्खू सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है और सरकार केंद्र की जन-कल्याणकारी योजनाओं को विफल करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू की सरकार न तो प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की परवाह कर रही है, न ही केंद्र द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में रुचि ले रही है।
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में चलाई जा रही फ्री ड्रग पॉलिसी और फ्री डायग्नोस्टिक सर्विसेज जैसी योजनाएं, जो नेशनल हेल्थ मिशन के तहत हिमाचल को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती हैं, उन्हें राज्य सरकार ने रोक दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में आज स्थिति यह है कि गर्भवती महिलाओं, नवजातों और यहां तक कि अजन्मे शिशुओं से भी इलाज और जांच के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं।
उन्होंने सुक्खू सरकार पर केंद्र की जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम(JSSK) को विफल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा प्रसूताओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है, जबकि इस योजना का उद्देश्य को घटाकर शून्य के करीब लाना है। जयराम ठाकुर ने यह भी बताया कि अल्ट्रासाउंड और अन्य जरूरी जांच के लिए पैसे लिए जा रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार इन्हें पूरी तरह निःशुल्क करती है।
उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र से 101.18 करोड़ रुपये का अनुदान मिलने के बावजूद राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को छीन रही है। जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया और मुख्यमंत्री से सवाल किया कि आखिर जनता से सुविधाएं छीनने के पीछे सरकार की मंशा क्या है।
जयराम ठाकुर ने मांग की कि सुक्खू सरकार जनता को स्पष्ट जवाब दे और गर्भवती महिलाओं व नवजातों से की जा रही वसूली को तुरंत बंद करे।