December 3, 2024

सुनहरा दिन (लघुकथा) – रणजोध सिंह

Date:

Share post:

जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह
रणजोध सिंह

साठ वसंत देखने के बाद प्रधानाचार्य जी शिमला शहर के प्रतिष्ठित स्कूल से सेवानिवृत हो गए| स्कूल-स्टाफ तथा बच्चों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी| बच्चों के साथ उनका भावनात्मक जुड़ाव इतना गहरा था कि विदाई की इस घड़ी में बच्चों की आँखों से आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे| वैसे तो वे गणित के अध्यापक थे मगर प्रधानाचार्य बनने के बाद उनके पास केवल दफ़्तरी व प्रबंधकीय कार्य ही रह गया था|

पठन-पाठन से दूर हो जाने का गम उन्हें निरंतर सालता रहता था| कभी-कभी जब उनके भीतर का अध्यापक ज़्यादा ही दुखी हो जाता या कोई अन्य अध्यापक अनुपस्थित होता तो वे बेहिचक कक्षा में चले जाते और हँसते-हँसाते हुए बच्चों को गणित पढ़ना आरंभ कर देते| उनका गणित पढ़ाने का तरीका इतना सरल व रोचक था कि कमज़ोर से कमज़ोर बच्चों को भी गणित जैसा गंभीर विषय आसानी से समझ आ जाता| ऐसे अध्यापक की रिटायरमेंट पर सबका दु:खी होना स्वाभाविक था, परंतु रिटायरमेंट की तिथि तो नौकरी लगते ही निश्चित हो जाती है| प्रधानाचार्य जी भी इस नियम के अपवाद नहीं थे|

भावावेश में आकर बच्चों तथा अध्यापकों ने प्रधानाचार्य जी के साथ सैंकड़ों तस्वीरें लीं, उन्हें अनेकों उपहार दिए, उनकी प्रशंसा में अनेकों कसीदे पढ़े, उनके सुझाए मार्ग पर चलने की कसमें खाईं, और प्रधानाचार्य जी ने भी उन्हें समय-समय पर मिलने का वचन दिया, पर फिर भी बच्चे उनकी जुदाई सहन नहीं कर पा रहे थे| मगर प्रधानाचार्य जी शायद रिटायरमेंट के लिए पहले से ही तैयार थे, अत: उनके चेहरे की चिरपरिचित मुस्कान सदा की भांति कायम थी|

यूं तो प्रधानाचार्य जी सदैव प्रसन्न ही रहते थे, बच्चों को भी बड़े प्रेम से पढ़ाते थे, मगर फिर भी वे बच्चों से एक अदद दूरी बनाकर रखते थे| अत: बच्चे चाहकर भी कभी उनकी खूबसूरत मुस्कान का राज़ जान न सके थे| चूंकि आज स्कूल में उनका अंतिम दिन था और विदाई समारोह की इस शुभ-वेला में बच्चे अपने प्रिय अध्यापक के काफी करीब आ गए थे| उन्होंने हिम्मत करके पूछ ही लिया कि उनके चेहरे की सदाबहार मुस्कान का राज़ क्या है| प्रधानाचार्य जी खिलखिला कर हंस पड़े और उन्होंने उत्तर देने के स्थान पर बच्चों से ही सवाल पूछ लिया,

“जब कोई अध्यापक कक्षा में जाता है तो वह और बच्चे कक्षा में क्या करते हैं?” “पढ़ाई” सब बच्चों ने एक साथ मिलकर ऊँची आवाज़ में जवाब दिया| प्रधानाचार्य फिर मुस्कुरा कर बोले, “बिलकुल सही जवाब, अध्यापक और बच्चे मिलकर पढ़ाई ही करते हैं, दूसरे शब्दों में कहूँ, तो माँ सरस्वती की वंदना करते हैं| अब तुम्हीं बताओ पूजा करते समय कोई दु:खी कैसे हो सकता है? उस समय चेहरे पर असीम संतोष और मुस्कान रहना स्वाभाविक है|” तभी सातवी कक्षा की एक बच्ची ने आश्चर्यजनक हौसला दिखाते हुए एक प्रश्न और पूछ लिया, “सर आपके जीवन का सबसे खुशी वाला दिन कौन सा था|”

प्रधानाचार्य जी शायद इस प्रश्न के लिए तैयार न थे, वे कुछ क्षणों के लिए रुके और फिर मंद-मंद मुस्कुराते हुए बोले, “ये एक बहुत ही रोचक किस्सा है| एक दिन मैं शिमला के मॉल रोड पर टहल रहा था| तभी मैंने देखा, एक बहुत ही रोबीला और लंबे कद का हट्टा-कट्टा नौजवान रिपोर्टिंग रूम के पास टहल रहा है| कुछ सिक्योरिटी गार्ड्स भी स्टेन-गनस लिए हुए उसके साथ-साथ चल रहे थे| सभी लोग बड़ी उत्सुकता से उसे देख रहे थे| तभी वह युवक मेरी तरफ मुड़ा और आगे बढ़ने लगा| सिक्योरिटी गार्ड्स ने तुरंत अपनी स्टेन-गनस तान लीं और वे भी मेरी तरफ बढ़ने लगे|

मैं तो एकदम घबरा गया, क्या मालूम मुझसे कोई गलती हो गई हो| पर जैसे ही वह युवक मेरे पास आया, उसने आगे बढ़कर मेरे पांव छुए और बड़ी विनम्रता से कहा, “सर आपने मुझे पहचाना नहीं, मैंने आठवीं कक्षा तक आपसे गणित पढ़ा है| इसके बाद मेरे पिताजी की ट्रांसफर धर्मशाला हो गई, जिसके कारण मेरा संपर्क आपसे टूट गया| परन्तु अब मैं ईश्वर की कृपा और आपके आशीर्वाद से डी.सी. बन गया हूँ| मैंने आज ही आपके शहर शिमला में ज्वाइन किया है| उस युवक के ऐसा कहते ही हमारे आसपास खड़े सारे लोग मेरी तरफ देखने लगे| सिक्योरिटी गार्ड्स ने भी मुझे सेल्यूट किया|

मुझे अपने अध्यापक होने पर बहुत गर्व महसूस हुआ|” इतना कहते-कहते प्रधानाचार्य जी थोड़े भावुक हो गए| वे थोड़ी देर के लिए रुके और फिर कहने लगे, “प्यारे बच्चों वह दिन मेरे जीवन का सबसे सुनहरा दिन था| याद रखना एक अध्यापक को सबसे ज़्यादा खुशी तभी मिलती है जब उसका पढ़ाया हुआ छात्र उसे आगे निकल जाता है| और ये ख़ुशी दुगनी हो जाती है, जब वह छात्र ऊंचे पद पर पहुंचकर अपने अध्यापक को याद भी रखता है, जैसे इस डी.सी. ने अपने अध्यापक को याद रखा|” प्रधानाचार्य जी के चुप होते ही सारा हाल तालिया से गूंज उठा|

Keekli Bureau
Keekli Bureau
Dear Reader, we are dedicated to delivering unbiased, in-depth journalism that seeks the truth and amplifies voices often left unheard. To continue our mission, we need your support. Every contribution, no matter the amount, helps sustain our research, reporting and the impact we strive to make. Join us in safeguarding the integrity and transparency of independent journalism. Your support fosters a free press, diverse viewpoints and an informed democracy. Thank you for supporting independent journalism.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

NeGD and TNeGA Collaborate for Digital Empowerment in Tamil Nadu

A Digital India State Consultation Workshop was organised by the National e-Governance Division (NeGD), Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) for...

India-Israel Collaboration: Quantum Technology and Space Startups Lead the Way

Israel's Industry & Economy Minister Nir Barkat, currently on India visit, today called on Union Minister of State...

IASST Guwahati Researchers Unlock the Therapeutic Potential of Subabul

Researchers have identified the therapeutic potential of the seedpods from the traditional medicinal plant Subabul in managing insulin...

Congress Government Set to Fulfill Seven Guarantees in Himachal

Chief Minister Thakur Sukhvinder Singh Sukhu announced during a public gathering in Bakhli, Siraj Assembly constituency, that the...