प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से आज शिमला में उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में योजना की प्रगति, लाभार्थियों की पहचान, विभागीय समन्वय तथा जन-जागरूकता बढ़ाने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई।
उपायुक्त ने कहा कि यह योजना आमजन को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि पात्र लाभार्थियों को समयबद्ध तरीके से योजना का लाभ दिया जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
उन्होंने जानकारी दी कि 2 किलोवाट तक की सौर प्रणाली पर 60% तथा 2 से 3 किलोवाट तक की प्रणाली पर 40% सब्सिडी दी जाएगी। सब्सिडी अधिकतम 3 किलोवाट तक सीमित है। साथ ही, पंचायत क्षेत्र में लगाए गए प्रत्येक सोलर रूफटॉप सिस्टम के लिए ₹1000 का इंसेंटिव भी प्रदान किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि योजना के “मॉडल सोलर विलेज” घटक के तहत प्रत्येक जिले में एक आदर्श सौर गांव चयनित किया जाएगा। शिमला जिले के त्यावल, छकड़ेल, नेरवा और सुंदा भौरा गांवों में से किसी एक का चयन किया जाएगा, जिसे एक करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उपायुक्त ने इन गांवों में जागरूकता शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने यह भी उल्लेख किया कि कई घरों, कार्यालयों और सरकारी भवनों में बिजली के मीटर अभी भी पुराने नामों पर दर्ज हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बिजली विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने मीटर को सही नाम पर दर्ज करवाएं, ताकि योजना का लाभ वास्तविक उपभोक्ताओं को मिल सके।
बैठक में अधिशासी अभियंता तनुज गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।