खुलकर मुस्कुराया करो
प्रो. रणजोध सिंह हर वक्त संजीदा रहना
कोई अच्छी बात नहीं
खुलकर मुस्कुराया करो।
बारिशों का मौसम है
जनाब! कभी-कभी
थोड़ा भीग भी जाया करो।माना इस जहाँ में
पूरी नहीं होती...
बूंद-बूंद को तरसेंगे: भीम सिंह नेगी
बरखा रानी रूठ गई हैधरती तपन असहाय।चमकते सूरज से लग रहाआज हर हृदय को भय।।फसलें पानी मांग रही हैंसूखे नदी तालाब।सर्द मौसम की यह...