December 7, 2025

Tag: भाषा कला

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मां : डॉ. कमल के प्यासा की कविता

प्रेषक : डॉ. कमल के . प्यासा मां,अम्मा,अम्मी,मम्मी या माममाता,मैया, माई या माऊहर शब्द में छिपी है ममता तेरी मांतुम्हें किस नाम से पुकारूं...

डॉ. कमल के. प्यासा की कलम से ‘शक्कर खोरा’ का अद्वितीय परिप्रेक्ष्य

उसकी दाढ़ी के बाल लम्बे लम्बे व उलझे हुवे हैं। शकल सूरत व बोलचाल से वह यू पी बिहार का लगता है। वह जहां...

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