June 9, 2025

Tag: हिंदी कविता

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अपनी बोली अपनी पछ्यान: डॉक्टर जय अनजान

जिथी नी ओ कोई पुछ पछ्यान,ऊथी नी देने चैंदे ज्यादा प्राण,से जे करो सारे अपणा ही गुणगान,तिसरे पाओ जुकी जुकी ने बछ्यान। जेड़ा चलाओ अपणा...

मां : डॉ. कमल के प्यासा की कविता

प्रेषक : डॉ. कमल के . प्यासा मां,अम्मा,अम्मी,मम्मी या माममाता,मैया, माई या माऊहर शब्द में छिपी है ममता तेरी मांतुम्हें किस नाम से पुकारूं...

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