October 15, 2025

तीन बच्चों के अपहरण से दहशत, विपक्ष ने घेरा सरकार

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नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में रक्षाबंधन के दिन तीन स्कूली छात्रों के अपहरण की घटना को प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गहरा सवाल बताया है। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल राजधानी की पुलिसिंग पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, बल्कि पूरे प्रदेश में छात्र और अभिभावकों के बीच दहशत का माहौल पैदा करती है।

उन्होंने कहा कि एक नामी स्कूल से दिनदहाड़े तीन छात्रों का अपहरण कर अपहरणकर्ता उन्हें 50 किलोमीटर दूर तक शहर के मुख्य चौराहों और पुलिस चेक पोस्टों से होते हुए आसानी से ले गया, जो दर्शाता है कि कानून व्यवस्था नाम मात्र की रह गई है। त्योहार के दिन पुलिस को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए थी, परंतु एक हथियारबंद व्यक्ति खुलेआम शहर में घूमता रहा और पुलिस की नजरों से बचता हुआ वारदात को अंजाम देने में सफल हो गया।

जयराम ठाकुर ने कहा कि ईश्वर की कृपा और पुलिस व आम जनता के सहयोग से तीनों छात्र सुरक्षित मिल गए, यह राहत की बात है, लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है कि ऐसा अपहरण आखिर कैसे संभव हुआ। त्योहारों के दौरान जब लोगों की आवाजाही और चहल-पहल अधिक होती है, तब सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जब अपराधी बिना किसी बाधा के कई पुलिस नाकों को पार कर जाता है, तो यह सीधे-सीधे पुलिसिंग की विफलता को उजागर करता है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला जैसी जगह से दिनदहाड़े तीन बच्चों का अपहरण कोई सामान्य घटना नहीं है। हिमाचल प्रदेश के प्रतिष्ठित स्कूलों में केवल राज्य के ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले छात्र पढ़ते हैं। इस प्रकार की घटनाएं प्रदेश की छवि पर भी गहरा असर डालती हैं और अभिभावकों की चिंता को कई गुना बढ़ा देती हैं। जब मीडिया में यह खबर सामने आई कि तीन बच्चे लापता हैं, तो पूरे प्रदेश में भय और चिंता का माहौल बन गया।

जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों में सुरक्षा का भरोसा होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि वाहनों की तलाशी और सुरक्षा जांच महज औपचारिकता न रह जाए, बल्कि अपराधियों की धरपकड़ का प्रभावी अभियान बनना चाहिए। इसके साथ ही, स्कूलों में विशेष जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों को सतर्क और सजग रहने का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों।

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