नेहरू युवा केंद्र शिमला और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तहत सैंट थॉमस विद्यालय में विश्व जल दिवस के अवसर पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालय के छात्रों को जल संरक्षण और जल प्रदूषण के बारे में जागरूक करना था, जिससे वे इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकें।



कार्यक्रम में जल संरक्षण पर चर्चा और जागरूकता गतिविधियाँ
इस विशेष कार्यक्रम में, युवा पर्यटन क्लब के सदस्यों कृतिका, प्रिया, दिव्यांश शर्मा और साक्षी ने जल के महत्व और इसके संरक्षण पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने छात्रों को यह समझाया कि जल हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है और इसे बचाना हमारी जिम्मेदारी है।
विद्यालय के अध्यापक और युवा पर्यटन क्लब के प्रभारी, सुरेंद्र शर्मा ने एक पीपीटी के माध्यम से छात्रों को जल संरक्षण और प्रदूषण से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया। उन्होंने जल प्रदूषण, जल संरक्षण, कूड़ा प्रबंधन, प्लास्टिक के उपयोग में कमी और पौधारोपण जैसे पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर भी विस्तृत जानकारी दी।



जल बचाव एंथेम और शपथ ग्रहण
युवा पर्यटन क्लब के छात्रों ने जल बचाव एंथेम गाकर प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाने का महत्वपूर्ण संदेश दिया। इसके साथ ही, उपस्थित सभी छात्रों, शिक्षकों और प्रतिभागियों ने जल एवं संसाधन संरक्षण की शपथ ली और जल के महत्व को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

श्रीमती शेरन नंदा का आह्वान
कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की उप-प्रधानाचार्या श्रीमती शेरन नंदा ने युवा छात्रों से जल संरक्षण को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने छात्रों को अपने आसपास के क्षेत्रों में भी जल के महत्व पर जागरूक करने के लिए प्रेरित किया, ताकि जल संरक्षण का संदेश व्यापक रूप से फैल सके।
प्रतिभागियों का सम्मान
कार्यक्रम के अंत में, जल संरक्षण जागरूकता गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों और प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया, ताकि उन्हें उनके प्रयासों के लिए प्रोत्साहन मिल सके। इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया, बल्कि पर्यावरण के प्रति उनकी जिम्मेदारी की भावना भी मजबूत की।