विश्व स्तनपान सप्ताह हर वर्ष 1 से 7 अगस्त को पूरे विश्व में जागरूकता सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इस उपलक्ष में आज रिपन अस्पताल के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र में स्तनपान के महत्व के बारे मे उपस्थित गर्भवती, धात्री एवं अन्य महिलाओं को जागरूक व प्रोत्साहित किया गया। साथ ही समस्त जिला में खंड स्तर पर भी विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिमला, डॉ राकेश प्रताप ने जानकारी देते हुए बताया कि माँ का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार ही नहीं बल्कि जीवन की अमृत धारा होती है। जन्म के आधे घंटे बाद व जितनी जल्दी हो सके माँ का दूध पिलाए क्यूँकि माँ का पहला गाढ़ा दूध “कोलोस्ट्रम” (Colostrum) शिशु के लिए बहुत लाभदायक होता है जो शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। शिशु को छह महीने तक केवल माँ का दूध और उसके बाद स्तनपान के अतिरिक्त अन्य पूरक आहार दिया जाना चाहिए। माँ का दूध शिशु की वृद्धि व विकास के साथ-साथ शिशु को निमोनिया, दस्त व अन्य बीमारियों से बचाता है जिस से शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है। स्तनपान महिलाओं में स्तन कैंसर, अंडाशय (Ovary) कैंसर की संभावनाओं को कम करता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जनसाधारण से आवाहन किया कि वह स्तनपान के महत्व को समझते हुए सभी माताओं को इसके लिए प्रोत्साहित करें तथा संक्रमण से बचने के लिए बोतल से कभी भी शिशु को दूध न पिलाये।