भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), वैश्विक पर्यावरण सुविधा के समर्थन से ‘‘सुरक्षित हिमालय, सुरक्षित आजीविका, संरक्षण, टिकाऊ उपयोग और उच्च श्रेणी के हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र की बहाली’’ नामक उच्च ऊंचाई वाले हिमालय में एक कार्यक्रम को चला रहे हैं। यह बात आज मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश राम सुभग सिंह ने वाईल्ड लाईफ विंग हिमाचल प्रदेश वन विभाग द्वारा आयोजित 70वीं वन्य प्राणी सप्ताह के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि स्थानीय समुदायों के जीवन और आजीविका को बढ़ाते हुए उच्च हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र में स्थानीय और विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण जैव विविधता, भूमि और वन संसाधनों के संरक्षण को सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि यह परियोजना विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण वन्यजीवों के संरक्षण को सुरक्षित करने के लिए उच्च श्रेणी के हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र में अल्पलाइन चरागाहों और जंगलों के स्थायी प्रबंधन को बढ़ावा देती है, जिसमें लुप्त प्राय हिम तेन्दुए और उनके आवास शामिल है ताकि चयनित उच्च ऊंचाई वाले परिदृश्यों में समुदायों के लिए स्थाई आजीविका और सामाजिक, आर्थिक लाभ सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि इस त्यौहार और मंच के पीछे का विचार फिल्मों, त्यौहारांे और मंचों के माध्यम से संरक्षण के लिए इस अद्वितीय हरित आंदोलन का समर्थन करना है। भारत सरकार, मीडिया, संरक्षण संगठनों, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, निगमों, युवाओं और आम जनता सहित हित धारकों के क्राॅस सेक्शन तक पहुंचना तथा संलग्न करना और सुरक्षित हिमालय की पहल और कार्यक्रमों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना भी है।
इस दौरान विभिन्न प्रासंगिक पर्यावरणीय मुद्दों जैसे जल संरक्षण, वन्य जीव संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, वन संरक्षण और आजीविका तथा टिकाऊ प्रौद्योगिकियों पर कई पुरस्कार विजेता फिल्मों का प्रदर्शन किया गया तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता जैसी कई इंटरैक्टिव गतिविधियों का आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर मुख्यातिथि ने महोत्सव के दौरान आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के प्रतिभागियों और विजेताओं को प्रमाण-पत्र और पुरस्कार भी वितरित किए। इस अवसर पर सीएमएस वातावरण के उप-निदेशक सब्यसाची भारती ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा महोत्सव का विवरण भी दिया।
प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन बल प्रमुख हिमाचल प्रदेश अजय श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों का ब्यौरा दिया।
कार्यक्रम में अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल अनिल ठाकुर ने मुख्यातिथि का धन्यवाद किया। इस अवसर पर मुख्य अरण्यपाल वित्त राजेश शर्मा, राज्य के वरिष्ठ वन अधिकारी और सुरक्षित हिमालय टीम उपस्थित थी।