उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति तथा मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बाल संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा की गई और बच्चों के समग्र विकास एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने कहा कि बाल देखभाल संस्थानों (CCIs) में रह रहे सभी बच्चों के स्वास्थ्य कार्ड बनाए जाएंगे, जिससे उनकी चिकित्सा देखभाल बेहतर हो सके। प्रत्येक बच्चे की व्यक्तिगत फाइल तैयार कर समय-समय पर उसका अद्यतन किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि जनवरी 2025 से अब तक 10 बच्चों को दत्तक माता-पिता को सौंपा गया है और बाल आश्रमों के बच्चों को गोवा, दिल्ली, आगरा और चंडीगढ़ के शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाया गया। रोहड़ू के मसली स्थित बाल आश्रम में ₹25 लाख की लागत से मरम्मत कार्य चल रहा है, जबकि हीरानगर स्थित ऑब्जर्वेशन होम में अतिरिक्त भवन निर्माण कार्य जल्द आरंभ होगा।
जिले में वर्तमान में 9 चिल्ड्रन होम, एक स्पेशल एडॉप्शन एजेंसी और एक ऑब्जर्वेशन होम संचालित हो रहे हैं, जिनमें 399 बच्चे रह रहे हैं। इन बच्चों के प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कार्ड बनाए जा रहे हैं और उन्हें नियमित रूप से वस्त्र, खाद्य सामग्री, और बिस्तर मुहैया कराए जा रहे हैं। सीसीआई संस्थानों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था आरओ सिस्टम के माध्यम से की गई है और बच्चों को ब्यूटी पार्लर, सॉफ्ट टॉय, कंप्यूटर, बेकरी, आर्ट एंड क्राफ्ट जैसे क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अब तक 212 बच्चों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उपायुक्त ने बताया कि बच्चों को आगे जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से भी प्रशिक्षित किया जाएगा और काउंसलिंग सत्र भी नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत अब तक कुल ₹1.63 करोड़ की वित्तीय सहायता वितरित की जा चुकी है, जिसमें बाहरी लाभार्थियों को ₹1 करोड़ से अधिक और सीसीआई में रह रहे बच्चों को ₹33 लाख की सहायता दी गई है। त्योहारों, विवाह, और घर निर्माण जैसे उद्देश्यों के लिए भी धनराशि जारी की गई है। इसके अलावा आफ्टर केयर स्कीम के तहत 32 बच्चों को लाभ मिला है, जिन्होंने विभिन्न आईटीआई, डिप्लोमा, और स्नातक स्तर के कोर्स पूरे किए हैं। इस अवसर पर समिति की अध्यक्ष संतोष शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पॉल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।