कीकली रिपोर्टर, 27 मई, 2017, शिमला
बच्चे राष्ट्र का भविष्य हैं, इनके पालन पोषण में किसी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए। यह बात आज अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अर्पणा शर्मा ने सर्वोदय बाल आश्रम शिमला में रहने वाले छात्रों को सम्बोधित करते हुए अपने सम्बोधन में कही।
इस अवसर पर उन्होंने बच्चों को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बालक को 14 वर्ष तक शिक्षा का अधिकार है जिसे कोई नहीं छीन सकता। सरकारी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के अतिरिक्त गैर सरकारी व कांन्वेट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें निर्धन परिवार से सम्बन्ध रखने वाले बच्चों के लिए सरकार द्वारा आरक्षित की गई है। उन्होंने कहा कि यदि कोई निर्धन परिवार का बच्चा गैर सरकारी या कांन्वेंट स्कूल में शिक्षा ग्रहण करना चाहता है तो उसे प्राईवेट स्कूल में भी निःशुल्क शिक्षा लेने का पूरा अधिकार है।
अर्पणा शर्मा ने बाल आश्रम में रहने वाले बच्चों को अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वे खेलों के साथ पढाई की ओर विशेष ध्यान दें ताकि वे भविष्य में अपने देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके। उन्होंने कहा कि बुरी संगति व नशीले पदार्थाे से दूर रहें।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आश्रम में रहने वाले छात्रों को दी जा रही सुविधाओं के प्रति संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आश्रम के बच्चों की योग्यता व साहस से आश्रम के कर्मचारियों व अन्य सहयोगियों का अथक परिश्रम झलकता है। उन्होंने छात्रों को फल वितरित किए।
सर्वोदय आश्रम के छात्रों ने देशभक्ति के मनमोहक गीत प्रस्तुत किए। इस अवसर पर बाल कल्याण अधिकारी सरिता वर्मा, अधीक्षक संयोगिता तथा आश्रम के अन्य कर्मचारी भी उपस्थित थे।