कीकली रिपोर्टर, 14 नवम्बर, 2016, शिमला
महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत इस वर्ष लगभग 404.48 करोड़ रुपये का प्रावधान विभिन्न महिला एवं बाल विकास योजनाओं के लिए किया गया है। यह जानकारी आज सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य एवं बागवानी मंत्री विद्या स्टोक्स ने सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग तथा निदेशालय महिला एवं बाल विकास हिमाचल प्रदेश द्वारा बाल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय अन्तर बाल एवं बालिका आश्रम खेलकूद प्रतियोगिता तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर टुटीकंडी बाल आश्रम में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गत वर्ष 316.39 करोड़ रुपये विभाग द्वारा व्यय किए गए, जिसके माध्यम से लगभग साढ़े चार लाख बच्चों, एक लाख से अधिक माताओं व 35 हजार किशोरियों को महिला एवं बाल विकास की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित किया गया था।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार सामाजिक कल्याण की दिशा में अनेक योजनाएं एवं कार्यक्रम आयोजित कर रही है। सामाजिक सेवा क्षेत्र को सरकार द्वारा हमेशा प्राथमिकता दी जाती रही है। प्रदेश के बजट का अधिकांश हिस्सा सामाजिक कल्याण पर व्यय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से जहां विभिन्न बाल बालिका आश्रमों में रहने वाले बच्चों के मन में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होती है, वहीं परस्पर संवाद कायम कर उन्हें विभिन्न आश्रमों में चल रही गतिविधियों के संबंध में भी जानकारी मिलती है। उन्होंने कहा कि बच्चे खेल को खेल की भावना से खेलें और खेल के मूल तत्व अनुशासन व एकाग्रता को आत्मसात कर अपने दैनिक जीवन में लाने का प्रयत्न करें।
महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक मानसी सहाय ठाकुर ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी बच्चों को एक मंच पर एकत्रित कर बाल दिवस मनाने का अवसर प्रदान किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन में खेलकूद प्रतियोगिता के साथ-साथ सांस्कृतिक तथा चित्रकला प्रतियोगिता आदि भी करवाई जा रही है। बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच भी इस तीन दिवसीय आयोजन का प्रमुख अंग है। उन्होंने बताया कि इस खेलकूद प्रतियोगिता में आठ सरकारी व 11 गैर सरकारी बाल बालिका आश्रमों के लगभग 398 बच्चे भाग ले रहे हैं।
इस अवसर पर सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अनुराधा ठाकुर और दिल्ली से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अधिकारी ए.के. जैन भी उपस्थित थे।