कीकली रिपोर्टर, 25 मई, 2017, शिमला
उपायुक्त शिमला रोहन चंद ठाकुर ने आज यहां बताया कि जिला प्रशासन शिमला के महत्वकांक्षी कार्यक्रम पहल के एक वर्ष के कार्यान्वय के दौरान बहुत ही सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। कार्यक्रम के तहत पांच मुख्य घटकों में से प्राथमिक शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए प्रेरणा कार्यक्रम के तहत छात्रों की योग्यता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। छात्रों के स्टैंडर्ड-2 लेवल की विषय वस्तु पढ़ने में 20 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। गणित विषय में विभिन्न योग्यताओं में 25 फीसदी सुधार और तर्क शक्ति तथा अभिव्यक्ति में 35 फीसदी सुधार दर्ज किया गया है।
वर्ष 2017-18 में अंग्रेजी विषय में गुणात्मक सुधार के लिए 321 स्कूलों में पायलट आधार पर कार्यक्रम आरंभ किया गया है। इसके भी उत्साहजनक परिणाम आए हैं और छात्रों की इस विषय की अभिव्यक्ति में 11 फीसदी सुधार दर्ज किया गया है।
प्रेरणा कार्यक्रम के तहत छात्रों के हिन्दी और गणित विषय में योग्यता को बढ़ाने के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रयास किए गए हैं। हिन्दी विषय के तहत अक्षर पहचान, अनुछेद पढ़ना, वाक्य विन्यास इत्यादि कई महत्वपूर्ण घटक सम्मिलित किए गए, जबकि गणित विषय में जमा, घटाव, गुणा, भाग, भिन्न इत्यादि महत्वपूर्ण घटक शामिल किए गए।
इस कार्यक्रम के तहत लोगों को वन अधिकारों के प्रति जागरूक करने तथा वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत विकास कार्यों के लिए मामलों को अनुमति प्रदान करने के लिए दृढ़ प्रयास किए गए। एक वर्ष की अवधि में रोहड़ू में 27 मामले, रामपुर में 10 मामले, जुब्बल-कोटखाई में 15 मामले, ठियोग में 9 मामले, शिमला ग्रामीण में 8 मामले, शिमला शहरी में 5, डोडरा-क्वार में 3 और चैपाल में 5 मामलों को वन अधिकार अधिनियम के तहत अनुमति प्रदान कर विकासात्मक कार्यों को और गति प्रदान की गई।
पहल कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य एवं स्वच्छता घटक में भी महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं। इस कार्यक्रम को ग्रामीण स्तर पर दृढ़ता के साथ लागू किया गया। जिला के सभी विकास खंडों में 20 हाट स्पाॅट चिन्हित किए गए, जहां ठोस व तरल कचरा प्रबंधन के लिए जागरूकता अभियान के साथ-साथ ठोस व कचरा प्रबंधन यूनिट लगाए गए। इस कार्य में ग्राम पंचायत थानेधार के प्रयास उल्लेखनीय रहे हैं।
नशा निवारण अभियान के तहत प्रशासन द्वारा स्कूलों तथा महाविद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें लघु नाटिकाओं के साथ-साथ सेमिनार, चित्रकला प्रतियोगिता, बैडमिंटन टुर्नामेंट, कार्यशाला, स्ट्रीक प्ले व अन्य माध्यमों द्वारा युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से जागरूक करने के प्रयास किए गए।
पहल कार्यक्रम के अन्य घटक आजीविका अर्जन व महिला सशक्तिकरण के तहत महिलाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए 26 विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें 699 महिलाओं ने सहभागिता सुनिश्चित की। वाहन चालन में स्वरोजगार प्राप्त करने के लिए प्रशासन द्वारा 21 महिलाओं को वाहन चालन का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, ताकि वह स्वरोजगार के साथ-साथ पर्यटन व्यवसाय में भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकें।
जिला प्रशासन शिमला के यह प्रयास निश्चित रूप से फलीभूत हुए हैं। पहल कार्यक्रम के तहत सभी घटकों के परिणाम सकारात्मक रहे हैं। इसी के परिणामस्वरूप जिला प्रशासन शिमला को सरकार द्वारा ‘स्टेट सिविल सर्विस अवार्ड’ प्रदान किया गया है।
पहल कार्यक्रम के कार्यान्वयन में 19 मई, 2017 को एक वर्ष की अवधि पूर्ण हो चुकी है। प्रशासन द्वारा इस कार्यक्रम के माध्यम से विकास की गति को और तीव्रता प्रदान की जा रही है।