राजेश शर्मा, कीकली रिपोर्टर, 3 जनवरी, 2016, शिमला
प्रदेश के सभी सरकारी निजी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें नकदी रहित व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा उन पुस्तक विके्रताओं को स्कूलों के लिए पाठ्यपुस्तकों की बिक्री पुस्तक वितरण केंद्रों के द्वारा पूरे प्रदेश में की जाती है। ये पाठ्यपुस्तकें प्रदेश के सभी सरकारी तथा निजी स्कूलों में विद्यार्थियों द्वारा प्रयोग में लाई जाती है।
इस समय प्रदेश में कुल 18,039 शिक्षण संस्थान हैं, जिनमें 15 लाख के लगभग विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहें है जिनमें 15,327 सरकारी तथा 2712 निजी विद्यालय कार्य कर रहें हैं जिन्हें सरकार अथवा शिक्षा बोर्ड से संबंद्धता प्राप्त है अथवा मान्यता प्रदान की गई है। इस समय बोर्ड में यह सुविधा 24 पुस्तक वितरण केंद्रों द्वारा प्रदान की जा रही है, जिनका लाभ बोर्ड में पंजीकृत 300 के लगभग बुक सैलर द्वारा लिया जा रहा है। यह बिक्री निर्धारित की गई प्रणाली के अंतर्गत की जाती है।
बोर्ड के सचिव डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि बोर्ड द्वारा यह निर्णय नकदी की कमी को देखते हुए और नकदी रहित व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के तहत लिया गया है। आज के बाद बोर्ड के किसी भी पुस्तक वितरण केंद्र में नकदी स्वीकार नहीं की जाएगी इन केंद्रों किताबों की बिक्री बोर्ड द्वारा विकसित की गई डिजिटल प्रणाली के अंतर्गत की जाएगी जिसमें पुस्तक विक्रेताओं को पुस्तकों की कीमत अदा करने के लिए डिजिटल साधनों द्वारा भुगतान की व्यवस्था होगी यह व्यवस्था तुरंत प्रभाव से लागू कर दी गई है।
बोर्ड द्वारा बोर्ड की वेबसाइट पर यह व्यवस्था लागू की गई है जिसके माध्यम से सभी पुस्तक विक्रय केंद्रों के प्रभारी इस व्यवस्था के अंतर्गत कार्य करेंगें तथा सभी पंजीकृत पुस्तक विक्रय केंद्र इस व्यवस्था का लाभ ले सकेंगें। बोर्ड में इस समय 300 के लगभग पुस्तक विक्रेता पंजीकृत हैं जिन्हें बोर्ड द्वारा दी जा रही पुस्तकों की बिक्री के लिए प्राधिकृत किया गया है कुछ एक पंजीकृत पुस्तक विक्रेताओं के द्वारा यह आग्रह किया जा रहा है कि बोर्ड ऐसी व्यवस्था अपनाए जिसके अंतर्गत नकदी को छोड़ डिजिटल माध्यम से पुस्तकेां की कीमत की अदायगी की व्यवस्था हो।
उन्होंने बताया कि यह भी निर्णय लिया है कि बोर्ड कार्यालय में खोला गया कैश काउंटर आज के बाद नकदी स्वीकार नहीं करेगा तथा भुगतान केवल डिजिटल माध्यम से ही स्वीकार्य होगा जिसके लिए कैश काउंटर पर उचित व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। यहां यह भी कहना उचित होगा कि बोर्ड द्वारा पहले से ही फीस इत्यादि की प्राप्ति के लिए डिजिटल माध्यम से व्यवस्था की गई है जिसके अंतर्गत प्रदेश के सभी स्कूल तथा विद्यार्थी व उनके अभिभावक डिजिटल माध्यम से इसका लाभ ले रहे हैं।