राजेश शर्मा, कीक्ली रिपोर्टर, 21 मार्च, 2016, शिमला
राज्य सरकार ने स्कूलों में खंड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक शिकायत निवारण कमेटियों के गठन का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तहत एलीमेंटरी शिक्षा विभाग के के अंतर्गत स्कूल स्तर पर इन शिकायत निवारण कमेटियों का गठन किया जाएगा। प्रत्येक विद्यालय में स्कूल प्रबंधन समिति का गठन करना आवश्यक है।
अध्यापक इस कमेटी को लिखित में शिकायत कर सकता है। स्कूल प्रबंधन समिति को अध्यापक की जो शिकायत होगी उसे 15 दिनों के भीतर निपटाना होगा। यदि शिकायतकर्ता अध्यापक कमेटी की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होता, तो वह ऐसी ही ब्लॉक स्तर पर गठित की जाने वाली कमेटी में अपनी शिकायत करेगा। इस समिति का संबंधित क्षेत्र का एसडीएम एसडीएम अध्यक्ष होगा, जबकि ब्लॉक एलीमेंटरी एजुकेश अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। जिसे 30 दिन के भीतर इस कमेटी को ऐसी शिकायतों का निपटारा करना होगा। ब्लॉक स्तरीय कमेटी की बैठक तीन महीने में एक बार करनी आवश्यक होगी। यदि यहां पर भी संबंधित अध्यापक को कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होता है तो वह जिला स्तरीय जिला स्तरीय शिकायत निवारण कमेटी में अपनी कंपलेंट कर सकता है। जो जिला स्तरीय कमेटी गठित की जानी हैं, उसमें उपायुक्त अध्यक्ष होंगे, जबकि जिला परिषद व स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे।
उपनिदेशक एलीमेंटरी शिक्षा इसके सदस्य सचिव होंगे। अध्यापकों की शिकायतों को तीन महीने के भीतर इस कमेटी को निपटाना होगा। यदि यहां से भी अध्यापक संतुष्ट नहीं होता है तो वह राज्य स्तरीय कमेटी के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। इस कमेटी की बैठक भी तीन महीने में एक बार आवश्यक होगी। राज्य स्तरीय शिकायत निवारण कमेटी में निदेशक एलीमेंटरी शिक्षा चेयरमैन होंगे। एक अन्य उपयुक्त व्यक्ति को सचिव शिक्षा नामित करेंगे। जबकि अतिरिक्त निदेशक एलीमेंटरी इसके सदस्य सचिव होंगे। यह कमेटी जरूरत के मुताबिक कभी भी बैठक आयोजित कर सकती है। इस समिति की बैठक छह माह में करना आवश्यक होगा। इस कमेटी को अध्यापकों की शिकायतों को 90 दिन के भीतर निपटाना आवश्यक होगा।
प्रदेश सरकार द्वारा यह अधिसूचना आरटीई एक्ट के तहत जारी की गई है, ताकि किसी भी शिक्षक के साथ अन्याय न हो और उसकी शिकायत का निपटारा हो सके।