शिमला पुस्तक मेला में डॉ. अनीता शर्मा द्वारा क्योंथली लोक साहित्य पर लिखी गई शोधपूर्ण पुस्तक का लोकार्पण

0
554

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा शिमला पुस्तक मेले के तीसरे दिन साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमे डॉ अनीता शर्मा द्वारा क्योंथली लोक साहित्य पर लिखी गई शोधपूर्ण पुस्तक का लोकार्पण किया गया। शिमला पुस्तक मेला का तीसरा दिन हिमाचल प्रदेश की लोकप्रिय लोककथाओं और क्षेत्रीय साहित्य पर केंद्रित रहा। साहित्यिक कार्यक्रमों के अंतर्गत ‘लोक साहित्य: पहाड़ी के सन्दर्भ में’ और ‘लोकगीत, लोककथा, लोकवार्ता- कितनी सहज कितनी दुर्लभ’ विषय पर संगोष्ठि का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संयोजन व मंच संचालन लेखक,कवि व व्यंगकार और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास मे संपादक आदरणीय लालित्य ललित ने किया । हिमालयन डिजिटल मीडिया के संपादक हितेन्द्र शर्मा ने कार्यक्रम का विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म पर लाईव प्रसारण किया ।

इस कार्यक्रम मे शिमला से वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. देवेंद्र गुप्ता ने लोक साहित्य मे लोक कथा,लोक वार्ता,लोक गीतो के महत्व पर तथ्य पूर्ण बात की, कुल्लू से वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सूरत ठाकुर लोक साहित्य कितना सहज,कितना दुर्लभ विषय पर विस्तार से चर्चा की। शिमला से लेखिका उमा ठाकुर नधैक ने लोक साहित्य: पहाड़ी के सन्दर्भ में’ विषय पर शोध पत्र पढकर हिमाचल की लोक संस्कृति के अनछुए पहलूओ को उजागर किया और पारंपरिक आचडी गीत,लामण और विवाह संस्कार गीत सुनाकर लोक गीतो का महत्व बताया । उन्होने कहा कि वर्तमान में युवापीढ़ी पहाड़ी बोली से विमुख होती जा रही है और यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम सब मिलकर हिमाचली बोलियों और लोक गीतो का संरक्षण और संवर्धन करें, ताकि इन बोलियों को गाँव की मुँडेर से विश्व पटल तक पहुंचाकर व हिमाचली भाषा का स्वरूप देकर संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जा सके।

अध्यक्षीय मंडल में कांगड़ा के वरिष्ठ साहित्यकार,कहानीकार डॉ. प्रत्यूष गुलेरी उपस्थित रहे उन्होने हिमाचल के लोक साहित्य की विभिन्न विधाओ के संदर्भ मे कहा कि लोक गीतो,लोक कथा,लोक गाथा का प्रचार प्रसार तभी संभव है जब हम अपनी बोलियो मे ज्यादा से ज्यादा लिखेगे । उन्होने हिमाचली भाषा,लोक संस्कृति व लोक साहित्य का संरक्षण और संवर्धन हेतु मिलकर कार्य करना का आग्रह किया । सभागार में प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार सुदर्शन वशिष्ठ,के.आर.भारती, ओम प्रकाश शर्मा, साहित्यकार आत्मा रंजन,दिनेश शर्मा,लेखिका दीप्ति सारस्वत व अन्य साहित्य प्रेमियों ने सत्र की गरिमा बढ़ाई। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास और भाषा विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा इस तरह का साहित्यिक आयोजन करवाना एक सराहनीय पहल है। उम्मीद यही कि भविष्य मे भी इस तरह के साहित्यिक उत्सव होते रहेगे।

Daily News Bulletin

Previous articleBhumika Bag First Position in Speech Delivery — Social Awareness
Next article“नारकण्डा में छात्र-छात्राओं का U-14 जोनल प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन पर स्वागत”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here