बिजली बोर्ड मैं जहाँ तो एक तरफ वित्तीय अर्थव्यवस्था सुधरने और युक्तिकरण की बात हो रही है, वहीँ दूसरी तरफ ठेकेदारों की भुगतान जारी करने मैं लाखों की धाधंली की बात सामनी आयी है | बिजली बोर्ड की ख़राब वित्तीय हालत का फायदा उठाते हुए, ठेकेदारों के भुगतान करने में मनमानी की जा रही है और वित्तीय अनियमितताएँ बरत के भुगतान किया जा रहा है | जॉइंट फ्रंट ने माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह किया है की इस वित्तीय अनियमतता की निष्पक्ष जांच करवाई जाये|
जॉइंट फ्रंट का मानना है की इस अनियमता को छुपाने के लिए ही बिजली बोर्ड में अनावशयक युक्तिकरण के प्रस्ताव बनाये जा रहे हैं | कहाँ तो माननीय मुख्यमंत्री ने पुराने फैसलों की समीक्षा के आदेश दिए हैं, वहीँ बोर्ड मैनेजमेंट युक्तिकरण की तरफ आगे बढ़ रहा है| माननीय मुख्या मंत्री जी ने जॉइंट फ्रंट को यह आश्वासन दिया था की बिजली बोर्ड मैं कोई भी युक्तिकरण जॉइंट फ्रंट से वार्ता करके ही किया जायेगा, लेकिन बिजली बोर्ड मैनेजमेंट ने इसके विपरीत प्रस्ताव तैयार किये है जिसमे की जॉइंट फ्रंट से कोई भी सुझाव नहीं लिए गए हैं |
जॉइंट फ्रंट ने यह फैसला लिया है की अगर कोई भी युक्तिकरण का कदम बिना वार्ता के उठया गया तो उसपे कड़ा संज्ञान लिया जायेगा और एक प्रदेश व्यापी आंदोलन छेड़ा जायेगा| इस बाबात यह भी फैसला लिया गया की माननीय मुख्या मंत्री को यह सुझाव दिया जायेगा की अगर युक्तिकरण करना ही है तो उसकी शुरुआत टॉप से होनी चाहिए | शीघ्र ही जॉइंट फ्रंट की स्टेट कमिटी की मीटिंग होगी और आंदोलन के प्रारूप पे फैसल लिया जायेगा|