आर्य कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, शिमला के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा ने शिरकत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आर्य समाज केवल एक धार्मिक आंदोलन नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति का प्रतीक है जिसने अंधविश्वास, जातिवाद और असमानता के खिलाफ मजबूत आधार बनाया।
उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित आर्य समाज ने वैज्ञानिक सोच, शिक्षा और नैतिक मूल्यों को समाज में पुनःस्थापित किया। हिमाचल प्रदेश में भी आर्य समाज के कई कार्यकर्ताओं ने इस आंदोलन को गति दी और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया।
छात्राओं को पुरस्कार वितरण करते हुए उन्होंने आर्य कन्या पाठशाला को क्षेत्र की पहली कन्या शिक्षा संस्था बताते हुए इसे एक गर्व की बात कहा। समारोह में पाठशाला की प्रिंसिपल कौशल्या वर्मा ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और शिक्षकों-विद्यार्थियों के उत्कृष्ट योगदान को रेखांकित किया।
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