November 8, 2024

आसरा छत का — नीलम भट्ट

Date:

Share post:

Picture Courtesy: Subodh

नीलम भट्ट, नई दिल्ली

बरसों पहले की बात है, एक बड़े से शहर के छोटे से हिस्‍से में एक छत हुआ करती थी। छतें तो बहुत रही होंगी, लेकिन उस छत की बात और थी। एक लड़की के लिए वह उसकी दुनिया का बहुत ही बड़ा और अहम हिस्‍सा हुआ करती थी। हर मौसम की साथी थी वह छत। बरसात होती तो अपने छोटे भाई-बहनों के साथ उसमें भीगने का अलग मज़ा होता, सर्दियों में अपने-अपने कोने चुनकर जेब में मूंग‍फलियां भरकर किताब-कॉपी लेकर बैठ जाया करते सब के सब। गर्मियों की शाम जमकर छत की धुलाई होती और फिर फोल्डिंग बिछाकर रात के सोने की तैयारी की जाती। ममेरे-मौसेरे भाई-बहन भी होते, तो वह आनंद भी कई गुना हो जाता। छुटंकियों की फ़ौज भागते-दौड़ते हुए बिस्‍तरों की पूरी परिक्रमा करती। उस भागा-दौड़ी का, हुल्लड़ का क्या कहना! होली पर उस छत की अलग उपयोगिता थी। छत का दरवाज़ा बंद वहां मौजूद पानी की टंकियों से पानी लेकर लोगों पर फेंका जाता। हुड़दंग और मौसमों के रंग से एक बिल्‍कुल अलग रंग तब होता था, जब पूरी छत चांदनी से सराबोर होती थी यानी पूरे चांद की रात। कई बार वह लड़की चुपचाप बैठी रहती उस चांदनी की बारिश में और कई बार अपनी डायरी में कुछ लिखती रहती या यूं कहें कि चांदनी की हर किरण को सहेजकर रखती।

समय बीता, उसका काम है बीतना। वह अपनी रफ़्तार से आगे बढ़ता रहता है, इस बात से बेफ़िक्र कि क्‍या पीछे छूट गया और क्‍या साथ चल रहा है। ज़िंदगी की जद्दोजहद, कामधाम के मसले, बड़े होने के साथ अपने आप जुड़ जाते हैं। छत वहीं रही, लेकिन जीवन की दिशा कहीं और मुड़ गयी। बाद में जिन भी घरों में रही, वे छत के बिना तो नहीं हो सकते थे लेकिन उसके लिए छत की मौजूदगी जैसे धुंधला गयी। सर पर एक अदद छत हमेशा रही, पर छत वाली दुनिया नहीं।

फिर समूची दुनिया में एक ऐसा दौर आया, जब रोज़मर्रा की ज़िंदगी बिल्‍कुल थम सी गयी। स्‍कूल-कॉलेज, दफ़्तर, घूमना-फिरना, यहां तक कि घर के बाहर चहलकदमी करने पर भी अनेदखा पहरा लग गया। बाहर निकलना तो दूर, लोगों को अपने चेहरे, अपनी मुस्‍कुराहटों को भी मास्‍क की परतों के नीचे छिपाना पड़ा। दुनिया भर के लोग, अमीर-ग़रीब, छोटे-बड़े सभी को एक अनदेखे दुश्‍मन की दहशत ने जकड़ लिया। यह दौर कोरोना का दौर था (जिससे दुनिया अब भी जूझ रही है) और तमाम बुरी ख़बरों के बीच लोगों ने अपने जीवन, अपने रिश्‍तों, अपनी प्राथमिकताओं को नये नज़रिये से देखना शुरू किया।

दार्शनिक, कवि-लेखक तो हमेशा से जानते और समझते थे, लेकिन आम लोगों द्वारा जीवन के क्षणभंगुर होने के सच को इतनी नज़दीकी से शायद ही पहले कभी समझा गया होगा। ऐसे ही अंधेरे, निराशा भरे समय में उस लड़की का नाता फिर से उस छत से जुड़ा, जिसे वह लगभग भुला चुकी थी। छत तो अपनी जगह पर थी, लेकिन व्‍यस्‍तताओं के बीच शायद ही उस पर कभी ध्‍यान देने की ज़रूरत महसूस हुई। छत ने उसे इस बेरहम दौर के पैने नाखूनों से लहूलुहान होने से बचाया। छत के सीमित दायरे में चहलकदमी करते हुए उसने असीमित आकाश से खुद को जोड़ा और जोड़ा अपने आसपास की हरियाली, पंछियों की चहचहाहट और रात के आसमान पर चमकते चांद से।

उसने फिर से छत को पा लिया और छत ने भी अपनी पुरानी साथी को उदासी से, घबराहट से उबारा। अनजाने यह सबक भी मिला कि मुश्किलों को, परेशानियों को हम चाहकर भी रोक नहीं सकते लेकिन उनसे उबरने के अपने तरीके खोज सकते हैं, अपनी ताकत, अपनी हिम्‍मत को सहेजने के रास्‍तों की तलाश हम ज़रूर कर सकते हैं।

Keekli Bureau
Keekli Bureau
Dear Reader, we are dedicated to delivering unbiased, in-depth journalism that seeks the truth and amplifies voices often left unheard. To continue our mission, we need your support. Every contribution, no matter the amount, helps sustain our research, reporting and the impact we strive to make. Join us in safeguarding the integrity and transparency of independent journalism. Your support fosters a free press, diverse viewpoints and an informed democracy. Thank you for supporting independent journalism.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा सफल जागरूकता अभियान

हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक राजीव कुमार ने आज यहां बताया कि समिति द्वारा...

Special Campaign 4.0 Results in Revenue Generation of Rs. 37 Lakhs

Ministry of Environment, Forest and Climate Change has achieved 100 % disposal of Public Grievances and Public Grievance...

First Asian Buddhist Summit – Buddha Dhamma’s Role in Strengthening Asia

Asian culture, tradition and values have endured the onslaught of history, yet stood steadfast, evidence for the ingrained...

CM Sukhu Praises Bilaspur’s Water Sports Initiative

Chief Minister Thakur Sukhvinder Singh Sukhu, while presiding over the opening session of the DC-SP Conference here today,...