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THE LOST CHILD in the Train – A Sweet Memoir

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Satyapal Singh, AMIE Mechanical Engg., Northern Railway, Yamunanagar  A Sweet Memoir I, Satyapal Singh, was posted as Junior Engineer (Bridge) at Moradabad Division, Northern Railway in year 2006. It was my...
Keekli Story Writing Competition 2024: Join the Pan-India Literary Challenge

Keekli Charitable Trust presents Short Story Writing Competition – 2024

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51 Best Stories to be Published In the words of Stephen King, “The scariest moment is always just before you start,” but it is important to start and write those first few...

वह मोबाइल वाली लड़की — डॉ कमल के प्यासा

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डॉ कमल के प्यासा, जीरकपुर, चंडीगढ़ उसने पैंट के ऊपर टॉप पहन रखा था, उम्र यही कोई २०-२२ के करीब ही रही होगी । टिकट हाथ में पकड़े उसने नंबर देख कर...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

दो सहेलियाँ — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह बहुत कम लोग होते हैं जो अपने बचपन के दोस्तों के साथ ताउम्र रिश्ता बनाये रखते हैं, खासतौर पर लडकियाँ | लेकिन पाखी और महक इस का अपवाद थी |...

गणित दोस्ती का — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह अंकित रात भर सो ना पाया था | मस्तिष्क में स्मृतियाँ किसी चल चित्र की भांति चल रही थीं | उसने देखा राजू उसका सबसे प्रिय मित्र है, जिसके साथ...

“फ्लाइंग किस” किस के लिए? जो पकड़ ले उसके लिए

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मनमोहन सिंह कुछ दिन पहले हमारे ज्ञान में इज़ाफ़ा हुआ। हमें पता चला की नारी की अस्मत पर सबसे खतरनाक हमला "फ्लाइंग किस" नामक जदीद हथियार से ही होता है। हम अभी...
खिल सकते है दबे हुए मसले हुए फूल शर्त ये है उन्हें सिने से लगाना होगा|

रोटी माँ के हाथ की — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह श्यामली के बार-बार समझाने पर भी उसका पति निखिल अंतिम समय तक अपने बुजुर्ग माँ-बाप को यह न बता पाया कि वह सदा-सदा के लिए विदेश जा रहा है |...
खिल सकते है दबे हुए मसले हुए फूल शर्त ये है उन्हें सिने से लगाना होगा|

शिष्टाचार — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह भोला राम जिसे प्यार से गाँव के सभी लोग भोलू कहकर पुकारते थे, आरम्भ से ही न केवल कुशाग्र बुद्धि का स्वामी था अपितु अत्याधिक मेहनती भी था | यही...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

संतुलन — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह शिमला जैसे सर्द शहर में, सर्दी की परवाह किये बगैर विनय अपने कमरे में बठकर कंप्यूटर के साथ माथा-पच्ची कर रहा था जबकि उसकी पत्नी और बच्चे बाहर खिली हुई...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

खुशियों की चाबी — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह श्याम प्रसाद जी अपने तीनों पुत्रों, पुत्र-वधुओं तथा पोते-पोतियाँ संग सड़क पर खड़े होकर अपने भतीजे की शादी में शामिल होने के लिए बस का इन्तजार कर रहे थे |...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

उड़ान — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह विवाह के लगभग तीन साल बाद केसरो अपने गांव की सबसे सुघड़ महिला जिसे सभी लोग प्यार से ‘मौसी’ कहते थे, से मिलने आई थी | अकसर बेटियाँ विवाह उपरांत...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

आचरण — लघु कथा; रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह उस दिन स्कूल में वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह था, प्रधानाचार्य राम प्रकाश जी ने ओजस्वी भाषण देते हुए स्पष्ट किया, “लोग हमारी बातों से नहीं, हमारे आचरण से सीखते हैं,...