प्रख्यात रंगकर्मी और पूर्व सांस्कृतिक राजनयिक पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से शिष्टाचार भेंट की। यह संवाद हिमाचल में चल रहे उनके सांस्कृतिक संपर्क अभियान का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य स्थानीय कला, रंगमंच और सांस्कृतिक शिक्षा को वैश्विक मंचों से जोड़ने की रणनीति को गति देना है।
ठाकुर ने इस मुलाकात के दौरान राज्य में सांस्कृतिक नवाचार और स्थायी कलात्मक सहयोग के लिए व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि हिमाचल की सांस्कृतिक विरासत समृद्ध होने के बावजूद उसे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अधिक पहचान की आवश्यकता है।
उन्होंने गेयटी थिएटर, शिमला जैसे धरोहर स्थलों को अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन केंद्रों में विकसित करने की संभावनाओं पर भी जोर दिया और प्रस्ताव रखा कि इन्हें प्रोफेशनल थिएटर प्रोडक्शन मॉडल, रेजीडेंसी कार्यक्रम और मार्केटिंग रणनीतियों के ज़रिये सांस्कृतिक पर्यटन से जोड़ा जा सकता है।
मुलाकात के दौरान हिमालयी सांस्कृतिक निरंतरता की चर्चा हुई, जिसमें ठाकुर ने जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के बीच सांझी लोक परंपराओं, चित्रकला, अध्यात्म और लोककथाओं के माध्यम से सांस्कृतिक महोत्सवों व कलाकार आदान-प्रदान कार्यक्रमों की सिफारिश की।
ठाकुर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता पर भी बल दिया, विशेष रूप से उन अनुच्छेदों पर, जो भारतीय भाषाओं, संस्कृति और विरासत को मुख्यधारा की शिक्षा में स्थान देने की वकालत करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि जिला स्तर पर सांस्कृतिक परिषदों, मोबाइल थिएटर यूनिटों, और युवा-नेतृत्व वाले रचनात्मक महोत्सवों के माध्यम से सांस्कृतिक सशक्तिकरण को धरातल पर लाया जा सकता है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बलवंत ठाकुर की पहल की सराहना की और हिमाचल की सांस्कृतिक समृद्धि को नए क्षितिज देने के हरसंभव प्रयासों में सहयोग का आश्वासन दिया।
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