नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पुलिस भर्ती परीक्षा में कथित धांधली को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि खुद अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं, लेकिन सरकार अब तक जांच शुरू करने को तैयार नहीं है।
पत्रकार वार्ता में जयराम ठाकुर ने दावा किया कि करोड़ों रुपये की वसूली के साथ युवाओं को दूसरे राज्यों में ले जाकर परीक्षा के लिए तैयार किया गया। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि कई जगह एक साथ बैठकर पेपर हल किया गया, मोबाइल डिवाइस का उपयोग हुआ, और बिना वैध एडमिट कार्ड के परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो सीसीटीवी फुटेज से सच्चाई सामने लाई जा सकती है।
उन्होंने बताया कि परीक्षा के दिन दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई थी, जिन्होंने 34 लाख रुपये वसूलने की बात कबूल की। इसके बावजूद न तो जांच आगे बढ़ी और न ही सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया। “जो सरकार पेनड्राइव फॉर्मेट कर सकती है, वो सीसीटीवी फुटेज भी मिटा सकती है,” ठाकुर ने तीखा तंज कसा।
उन्होंने मांग की कि इस भर्ती को रद्द कर दोबारा निष्पक्ष तरीके से पूरी प्रक्रिया करवाई जाए। साथ ही, उन्होंने एनटीटी परीक्षा में भी धांधली के आरोप लगाए और कहा कि आउटसोर्स एजेंसियों के जरिए कांग्रेस से जुड़े लोगों को अनुचित लाभ दिया जा रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार ने जब पेपर लीक का मामला सामने आया था, तो रातोंरात परीक्षा रद्द कर एक महीने में नई परीक्षा आयोजित की गई थी, और CBI जांच करवाई गई थी। उन्होंने सवाल उठाया कि अब की सरकार इतने गंभीर आरोपों के बावजूद चुप क्यों है।